देश

जब कोर्ट में बहस के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने अभिषेक मनु सिंघवी से किया मजाक, बोले- 'आपको ये केस…'

अदालत ने आज अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को दिल्ली के राउज एवेन्यू (जिसे अब दीन दयाल उपाध्याय मार्ग कहा जाता है) पर जमीन को खाली करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि यह भूमि दिल्ली हाईकोर्ट को अपने बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए आवंटित की गई थी. 

CJI चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने AAP से अपने मुख्यालय के लिए वैकल्पिक जमीन के लिए भूमि और विकास कार्यालय से संपर्क करने को कहा है. अदालत ने कहा कि वह भूमि एवं विकास कार्यालय से AAP के आवेदन पर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का अनुरोध करेगी. यह विभाग केंद्र के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है. 

इस मामले में AAP की ओर से बहस करते हुए सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने मुख्यालय के लिए जमीन की हकदार है और साथ ही यह रेखांकित किया कि AAP देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से एक है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंघवी ने कहा, “मुझे चुनाव से पहले सड़क पर नहीं उतारा जा सकता. इस मामले को कुछ राजनीतिक सहयोग के माध्यम से हल किया जा सकता है.” उन्होंने कहा कि पार्टी को बदरपुर में प्लॉट की पेशकश की गई है. सिंघवी ने कहा, “वे हमें बता रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में हमें कुछ नहीं मिलता है. मुझे बदरपुर दिया गया है, जबकि अन्य बेहतर स्थानों पर हैं. फिर सभी पार्टियों को बदरपुर में स्थानांतरित कर दिया जाए.”

CJI ने जवाब दिया, “आप भूखंड पाने के लिए हमारे अच्छे कार्यालयों का उपयोग कर रहे हैं. हम इसकी अनुमति कैसे दे सकते हैं?”

यह भी पढ़ें :-  "ED के पीछे छुपकर राजनीतिक लड़ाई बंद करे BJP" : केजरीवाल के फोन और लेटर जारी करने वाली रिपोर्ट पर AAP

मैं नहीं चाहता कि जगह देने से इनकार किया जाए : सिंघवी 

साथ ही दलीलों के दौरान सिंघवी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट उनकी मूल अदालत है. उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि उन्हें जगह देने से इनकार किया जाए.”

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आप को प्लॉट खाली करना होगा. उन्होंने सवाल किया, ”वे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को रैंसम के लिए कैसे रोक सकते हैं.”

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने कथित तौर पर अतिक्रमण को लेकर आप की खिंचाई की थी और CJI ने कहा था, “कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. एक राजनीतिक दल उस पर चुप कैसे बैठ सकता है? हाईकोर्ट को कब्जा दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट इसका उपयोग किसलिए करेगा? केवल जनता और नागरिकों के लिए. ऐसा क्यों किया गया फिर जमीन को हाईकोर्ट को क्‍यों आवंटित किया गया?” 

कोर्ट ने देश भर में न्यायिक बुनियादी ढांचे से जुड़े मामलों को देखते हुए इस मामले पर गौर किया है. 

AAP ने अतिक्रमण के आरोपों से इनकार किया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी को यह भूखंड दिल्ली सरकार द्वारा आवंटित किया गया था. सिंघवी ने आज कहा कि प्लॉट 2015 में AAP को आवंटित किया गया था. एमिकस क्यूरी के परमेश्वर ने बताया कि प्लॉट 2022 में पारिवारिक अदालतों के निर्माण के लिए रखा गया था. साथ ही उन्‍होंने कहा कि कहा कि हाईकोर्ट के संज्ञान में ऐसा कुछ भी नहीं लाया गया जिससे यह पता चले कि भूमि किसी राजनीतिक दल को आवंटित की गई है. 

यह भी पढ़ें :-  "पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता, महिलाओं के लिए साड़ी": काशी विश्‍वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए 'ड्रेस कोड' पर विचार

ये भी पढ़ें :

* VIDEO: “लोकतंत्र के लिए मील का पत्‍थर”: नोट के बदले वोट मामले में SC के फैसले पर पक्षकार विवेक शर्मा

* “आप आम आदमी नहीं हैं”: सनातन धर्म टिप्पणी मामले पर SC ने उदयनिधि स्टालिन को लगाई फटकार

* “क्या सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी हो गई ED, वहां भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होती सुनवाई” : AAP नेता सौरभ भारद्वाज

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button