नोबेल विजेता प्रोफेसर को मैंने फोन दिखाया तो वे हैरान रह गए… PM मोदी ने सुनाया भारत की डिजिटल क्रांति का किस्सा
PM मोदी का पूरा इंटरव्यू यहां पढ़ें :
पीएम मोदी ने कहा, “आज दुनिया यह मानती है कि एआई में भारत पूरी दुनिया को लीड करेगा. हमारे पास यूथ है, विविधता है, डेटा की ताकत है.” पीएम मोदी ने कंटेंट क्रिएटर्स और गेमर्स से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, “उन्होंने मुझे एक बड़ी आश्चर्यजनक चीज बताई. मैंने उनसे पूछा कि क्या कारण है कि यह इतना फैल रहा है, उन्होंने बताया कि डेटा बहुत सस्ता है. दुनिया में डेटा महंगा है, मैं दुनिया के गेमिंग कॉम्पिटिशन में जाता हूं, डेटा इतना महंगा पड़ता है… भारत में जब बाहर के लोग आते हैं तो हैरान हो जाते हैं कि अरे इतने में… इसके कारण भारत में एक नया क्षेत्र खुल गया है.”
पीएम ने आगे कहा आज ऑनलाइन सब चीज एक्ससे है. कॉमन सर्विस सेंटर करीब 5 लाख से ज्यादा हैं. हर गांव में एक और बड़े गांव में 2-2, 3-3 हैं… किसी को रेलवे रिजर्वेशन करवाना है तो वह अपने गांव में ही कॉमन सर्विस सेंटर से करा लेता है. गर्वनेंस में मेरी अपनी एक फिलॉसफी है. मैं कहता हूं ‘P2G2’. प्रो पीपल गुड गवर्नेंस.”
दुनिया में भारत के डिजिटल रेवोल्यूशन की चर्चा : PM मोदी
देश के पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में आए बदलाव को लेकर पूछे गए एक सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि ये रेहड़ी पटरी वाले लोग हैं, उनको बैंक वाले पैसा नहीं देना चाहते हैं. मेरे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा हुआ कि रेहड़ी पटरी वालों को बैंक से लोन मिला. उनका पैसा शाम को ही जमा हो जाता है. हर रेहड़ी पटरी वाले के यहां आपको QR कोड मिलेगा. उसका व्यवस्था पर विश्वास भी बढ़ा है.
इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन का हिस्सा बनना बहुत जरूरी : PM मोदी
संजय पुगलिया के ग्रोथ के टारगेट में एग्रीकल्चर से लोगों को शिफ्ट करने और मैम्युफैक्टरिंग को बढ़ाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “जिन लोगों ने बाबा साहेब अंबेडकर का अध्ययन किया है… वह एक बहुत अच्छी बात बताते थे. हमारे देश के राजनेताओं ने उनकी अनदेखी की है. बाबा साहेब कहते थे देश में इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन बहुत जरूरी है क्योंकि देश का जो गरीब, आदिवासी है वह जमीन का मालिक है ही नहीं, वह एग्रीकल्चर में कुछ कर नहीं सकता. उसके लिए इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन का हिस्सा बनना बहुत जरूरी है और इसीलिए मैं मानता हूं कि भारत में एग्रीकल्चर पर जितना बोझ हम कम करेंगे, आज उस पर बोझ बहुत है. बोझ कम करने के लिए कानून काम नहीं करता है, डायवर्सिफिकेशन काम करता है. यह तब होता है जब आप डिसेंट्रिलाइज्ड वे में इंडस्ट्रियल नेटवर्क हों.”
साथ ही उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर को वायबल और मजबूत बनाने के लिए भी इंडस्ट्रियल डवलपमेंट जरूरी है. हम एग्रीकल्चर का वैल्यू एडिशन करने वाली इंडस्ट्री ज्यादा बढ़ाते हैं तो सीधा-सीधा फायदा है. नहीं तो हम डायवर्सिफिकेशन की तरफ ले जाएं, तो उसका फायदा है.
PM मोदी ने गुजरात के अनुभवों को किया साझा
पीएम ने आगे कहा कि मेरा गुजरात का अनुभव रहा है. गुजरात एक ऐसा राज्य है, जिसके पास कोई मिनिरल्स नहीं हैं. गुजरात के पास ज्यादा से ज्यादा नमक के सिवा कुछ नहीं है. ऐसे समय में गुजरात एक ट्रेडस स्टेट बन गया था. एक तो 10 साल में से 7 साल अकाल तो एग्रीकल्चर में भी हम कमजोर थे. उसके बाद रेवोल्यूशन आया. एग्रीकल्चर में रेवोल्यूशन आया, इंडस्ट्री में रेवोल्यूशन आया. वह अनुभव मुझे यहां बहुत काम आ रहा है. हमें कलस्टर डवलप करने चाहिए, जैसे एक छोटी सी स्कीम है, वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट. यह उस जिले की पहचान बन रही है. उसमें वैल्यू एडिशन हो रहा है. टेक्नोलॉजी आ रही है, क्वालिटी आ रही है.
दुनिया के 7 में से एक आईफोन हमारे यहां बनता है : PM मोदी
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को लेकर भी पीएम ने अपने इंटनव्यू के दौरान बातचीत की. उन्होंने कहा, “आज देखिए भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है. इलेक्ट्रिक व्हिकल का बाजार बढ़ रहा है… हमने स्पेस को ओपन कर दिया है. स्पेस में इतने स्टार्टअप आए हैं कि सारे स्टार्टअप टेक्नोलॉजी को लीड कर रहे हैं. हम मोबाइल फोन इंपोर्टर थे. आज हम दुनिया में मोबाइल फोन के दूसरे सबसे बड़े निर्माता हैं. हम दुनिया के अंदर आईफोन एक्सपोर्ट कर रहे हैं. दुनिया में 7 में से 1 आईफोन हमारे यहां बनता है. गुजरात में मेरा जो डायमंड का अनुभव रहा है, आज दुनिया में 10 में से 8 डायमंड वो होते हैं, जिसमें किसी न किसी हिंदुस्तानी का हाथ लगा होता है.
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