जब 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर चर्चा में फंसा नियम '72' और अमित शाह ने दिया जवाब
नई दिल्ली:
सरकार ने देश में लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में पेश किया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024′ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024′ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया. सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने सवाल खड़ा किया कि बिल पर यह चर्चा है या नियम 72 के तहत यह बहस हो रही है? गौरव गोगोई के सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ने इसकी व्याख्या की. हालांकि अध्यक्ष के जवाब के बाद गृहमंत्री अमित शाह को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा.
लोकसभा में 72 पर क्या बोले शाह?
गौरव गोगोई ने सवाल खड़ा किया कि बिल पर यह चर्चा है या नियम 72 है? इससे पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए एक नोटिस दिया था उन्होंने कहा था कि मैं संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 को प्रक्रिया नियम के नियम 72 के तहत पेश किए जाने का विरोध करने के अपने इरादे का नोटिस देता हूं.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि वो किसी भी विषय वस्तु को किस तरह से लेता है. इसके बाद अध्यक्ष ने नियम की व्याख्या की.
अमित शाह को करना पड़ा हस्तक्षेप
लोकसभा अध्यक्ष के जवाब के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अध्यक्ष जी की बात को मैंने सुना है. उन्होंने 72 से बाहर जाने की बात को नहीं कहा है. उन्होंने कहा है कि माननीय सदस्य मनीष तिवारी ने जिस 72 का हवाला देकर जो विचार किए हैं.इस पर सदन का कोई भी सदस्य अपना विचार रख सकता है. अब कांग्रेस पार्टी में विचार रख सकता है का मतलब है विरोध ही करना है. लेकिन विचार रख ही सकते हैं तो इसका मतलब है पक्ष में भी बोल सकते हैं.
जानें ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल के बारे में-
- यह बिल पूरे देश में एक चुनाव कराने की राह खोलता है.
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक को मंजूरी दी थी.
- बीजेपी और उसके सहयोगी दल विधेयक के समर्थन में हैं.
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.
- इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे.
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