Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

राहुल गांधी कब उतरेंगे दिल्ली के रण में? अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ाने आ रहे ये नेता  

Delhi Election 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को सीलमपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने कहा कि राहुल गांधी देश की जनता की आवाज बनकर उभरे हैं. जहां भी कोई मुद्दा होता है, राहुल गांधी वहां पहुंचते हैं और लोगों की आवाज उठाते हैं.

निजामुद्दीन ने कहा, ‘कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सोमवार को शाम 5:30 बजे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ नाम से जनसभा को संबोधित करेंगे. इसमें बड़ी संख्या में लोग, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भाग लेंगे.’ यह दिल्ली में गांधी की पहली रैली होगी. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा. मतगणना आठ फरवरी को होगी.

मायावती और ओवैसी की प्लानिंग

दिल्ली चुनाव में इस बार कांग्रेस और भाजपा ही नहीं बल्कि कई अन्य दल भी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की टेंशन बढ़ाने वाले हैं. दिल्ली में बसपा और एआईएमआईएम जैसे छोटे राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव में तीन मुख्य राजनीतिक दलों आप, भाजपा और कांग्रेस के वोट काटने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि उनका खेल बिगाड़ा जा सके. बहुजन समाज पार्टी (BSP) सभी 70 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 10 से ज्यादा मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है. दोनों दलों ने अपने प्रमुख नेताओं- मायावती (बसपा) और असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) की रैलियों की योजना बनाई है.

अन्ना हजारे के पुराने शिष्य मैदान में

राष्ट्रीय राजधानी में छोटे राजनीतिक दल आगामी चुनाव में कड़ी चुनौती पेश करने के लिए कमर कस रहे हैं. वे मुस्लिम बहुल इलाकों में विभिन्न मुद्दों को हल करने, भ्रष्टाचार से निपटने और सुशासन समेत कई वादे कर रहे हैं. इनमें से एक भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) है, जिसकी स्थापना हाल ही में अमेरिका में रहने वाले चिकित्सक मुनीश कुमार रायजादा और अन्ना हजारे (Anna Hazare) के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से जुड़े अन्य लोगों ने की है. रायजादा ने कहा कि वह और अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन अब उन्होंने ‘आप’ को कड़ी टक्कर देने का फैसला किया है. लगभग 15 महीने पहले भारत लौटे रायजादा नयी दिल्ली सीट से ‘आप’ प्रमुख केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इस सीट से पूर्व भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भी चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दिया है. रायजादा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम दिल्ली में दीर्घकालिक विकास करेंगे. अगर बीएलपी दिल्ली में सत्ता में आती है तो सबसे पहले हम भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) का गठन करेंगे.”

यह भी पढ़ें :-  हत्या की कोशिश, धमकी और... जानिए BJP सांसदों ने राहुल गांधी पर किन 6 धाराओं में दर्ज कराई FIR?

कितनी सीटों पर लड़ेगी बसपा

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: ANI

दलित और वंचित समुदायों के बीच अपना आधार मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही बहुजन समाज पार्टी ने सभी 70 सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और उसे लगता है कि इससे उसके प्रतिद्वंद्वियों का रास्ता मुश्किल हो जाएगा. आने वाले दिनों में पार्टी मायावती (Mayawati) की रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है. बसपा के केंद्रीय समन्वयक नितिन सिंह ने कहा कि पार्टी का ध्यान बेहतर अवसर प्रदान करने पर है. सिंह ने कहा, “2008 से 2012 के बीच हमारे पास महत्वपूर्ण वोट शेयर था. हमारे लोगों को केजरीवाल ने झूठे वादे से गुमराह किया. पांच फरवरी होने वाले चुनाव में, हम अपने वोट शेयर को वापस पाने के लिए लड़ेंगे और कड़ी टक्कर देंगे.”

ओवैसी की पार्टी क्या करेगी

Latest and Breaking News on NDTV

हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम 10-12 सीट पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने अब तक दो उम्मीदवारों-मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन और ओखला से शफा उर रहमान के नाम की घोषणा की है. दोनों 2020 के दिल्ली दंगा मामलों में आरोपी हैं. एआईएमआईएम की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष शोएब जमई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पार्टी ने पहले ही दो मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, जो नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा थे. जमई ने कहा कि पार्टी का प्राथमिक ध्यान मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के साथ सीधी लड़ाई पर है. उन्होंने कहा, “हम जिन सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, उन सभी पर हम सीधे तौर पर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि इन सीटों पर उनकी मौजूदगी की जरूरत नहीं है. हम भाजपा का सीधा मुकाबला करेंगे.” एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उन निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ रैलियां कर सकते हैं, जहां पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं. जमई ने कहा कि अगर एआईएमआईएम कुछ सीट जीत जाती है और गठबंधन बनाए जाने की जरूरत पड़ती है, तो पार्टी भाजपा को रोकने के लिए दूसरे दलों के साथ गठबंधन कर सकती है.

यह भी पढ़ें :-  2047 तक भारतीय भाषाओं में संचालित होंगे सरकारी काम, राजभाषा समिति का अध्यक्ष चुने जाने पर अमित शाह

महिला वोटरों में शंका

आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजनाओं का वादा किया है. भाजपा भी ऐसा ही ऐलान कर सकती है. दिल्ली में 46.2 प्रतिशत महिला मतदाता हैं.दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय द्वारा छह जनवरी को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 83,49,645 पुरुष और 71,73,952 महिला मतदाता हैं.

मासिक वित्तीय सहायता के वादे पर दिल्ली में महिला मतदाताओं की मिश्रित प्रतिक्रिया हैं, जो विविध आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं. पूर्वी दिल्ली की एक गृहिणी निशा वर्मा ने कहा, ‘‘2,500 रुपये प्रतिमाह भले ही बहुत ज्यादा नहीं लगे, लेकिन इससे मैं अपने बच्चों के लिए अतिरिक्त किताबें खरीद सकती हूं या आपात स्थिति के लिए थोड़ी बचत कर सकती हूं. ये योजनाएं मददगार हैं, लेकिन मैं यह भी सोचती हूं कि क्या ये सिर्फ चुनावी वादे हैं जो पूरे नहीं हो सकते.”

दक्षिण दिल्ली की एक युवा पेशेवर प्रिया शर्मा ने एक अलग दृष्टिकोण व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करने की सराहना करती हूं, लेकिन मैं ऐसी योजनाएं चाहती हूं जो महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करें या सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करें. मासिक नकद सहायता से अस्थायी मदद मिल सकती है, लेकिन वे बड़ी समस्याओं का समाधान नहीं करती हैं.”

24 अकबर रोड के बगल से अचानक आई कॉल और… क्या कांग्रेस अब मजबूती से नहीं लड़ेगी दिल्ली चुनाव?

रोहिणी की एक वरिष्ठ नागरिक गीता देवी ने वित्तीय स्वतंत्रता के लिए ऐसी योजनाओं के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जैसी महिलाओं के लिए जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है, ये योजनाएं थोड़ी वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर सकती हैं, लेकिन मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार इन भुगतानों को वित्तपोषित करने के लिए सब्सिडी वाले भोजन जैसे अन्य लाभों में कटौती नहीं करेगी.”

यह भी पढ़ें :-  Explainer: सेना का नया 'लूनबर्ग लेंस', ड्रोन को हेलीकॉप्टर समझकर फंसेगा दुश्मन

“यूपी, बिहार से ‘फर्जी’ मतदाता लाकर…”: केजरीवाल के इस बयान पर जानिए कैसे मचा महाभारत


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button