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जब बुलडोज़र पर भिड़ गए योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव, एक-दूसरे पर चलाए 'शब्दबाण'


लखनऊ:

वो साल था 2017, जब उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की थी. धीरे-धीरे ये बुलडोज़र कल्चर देश के कई राज्यों में पहुंच गया. हालत ये हुए कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अब देशभर के लिए बुलडोज़र एक्शन को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी में है. एक तरफ सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी होने वाले दिशा-निर्देश पर हैं. वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बुलडोज़र को लेकर ज़ुबानी जंग शुरू हो गई है.

समझें क्या है पूरा मामला? क्यों आमने-सामने आ गए योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव:-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बीच बुलडोज़र पर घमासान कोई नया नहीं है. मंगलवार को इसकी शुरुआत अखिलेश यादव ने की. अखिलेश यादव लखनऊ स्थित सपा के दफ्तर में गोरखपुर के सपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे. अखिलेश यादव ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार 2027 में यूपी में आएगी, तब पूरे प्रदेश के बुलडोज़र का रुख गोरखपुर की तरफ कर दिया जाएगा. गोरखपुर सीएम योगी का गृह जिला भी है.

CM योगी ने क्या दिया जवाब?
अब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गोरखपुर का नाम लिया, तो मुख्यमंत्री कहां चुप रहने वाले थे. बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बुलडोज़र चलाने के लिए दिल और दिमाग चाहिए. उन्होंने कहा कि बुलडोज़र पर सबके हाथ सेट नहीं हो सकते. सीएम योगी ने कहा कि बुलडोज़र वही चला सकता है, जिसमें बुलडोज़र जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा हो. दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोज़र के सामने पस्त हो जाएंगे.”

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योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार
इसी बीच अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर पलटवार भी कर दिया. जब पत्रकारों ने सीएम के बयान पर अखिलेश यादव से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र को लेकर जो टिप्पणी की. उससे साफ है कि बुलडोज़र की कार्रवाई संवैधानिक नहीं है, ऐसे में क्या सीएम इस पर माफी मांगेंगे. अखिलेश यहीं नहीं रुके. उन्होंने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आरोप लगाते हुए कहा कि खुद सीएम के घर का नक्शा कभी पास नहीं हुआ है. 

उन्होंने बुलडोज़र चलाने के लिए ‘दिल और ‘दिमाग’ वाली सीएम की टिप्पणी पर कहा कि बुलडोज़र दिमाग से नहीं, स्टीयरिंग से चलता है. जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, ये कोई नहीं जानता.

थोड़ी देर बाद फिर अखिलेश बोल पड़े
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुलडोज़र पर थोड़ी देर बाद फिर एक तंज किया. सोशल मीडिया साइट X पर अखिलेश यादव ने लिखा कि अगर आप (योगी आदित्यनाथ) और अपना बुलडोज़र इतना ही सफल है, तो बुलडोज़र चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए. इससे आपका भ्रम और घमंड दोनों टूट जाएगा. अभी जो हालात हैं, उसमें आप BJP के होते हुए भी नहीं हैं. आपको अलग पार्टी तो बनानी ही है, तो आज ही बना लीजिए.

ये लड़ाई अब रुकने वाली नहीं 
ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच ज़ुबानी जंग फिलहाल रुकने वाली नहीं. जिस तरह से बुलडोज़र के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो आने वाले दिनों में देशभर के लिए एक दिशा-निर्देश जारी करेगा. उसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. 
 

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