देश

45 घंटे से ज्यादा का रेस्क्यू, कहां आई अड़चन, पढ़ें तेलंगाना सुरंग हादसे की हर अपडेट

तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में ढही सुरंग में अभी भी 8 लोग फंसे हुए हैं. शनिवार को हुए इस हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता नहीं मिली है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर तेलंगाना के सीएम रेड्डी भी नजर बनाए हुए हैं. इस सुरंग का निर्माण कुछ दिन पहले ही फिर से शुरू हुआ था. यह सुरंग नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन खंड पर अमराबाद में स्थित है.घटनास्थल पर फिलहाल राहत और बचाव का काम चल रहा है.

  1. सुरंग में फंसे 8 मजदूर: तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में SLBC परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के कारण 8 लोग पिछले 45 घंटे से ज्यादा वक्त से अंदर फंसे हुए हैं. जिन्हें बाहर निकालने की मशक्कत जारी है. सेना, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. 
  2. मजदूरों के बचने की कितनी संभावना: भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की कड़ी मेहनत के बावजूद, एसएलबीसी परियोजना में सुरंग के अंदर फंसे आठ लोगों को निकालने के बचाव अभियान में रविवार को कोई सफलता नहीं मिली. प्रदेश के मंत्री जे. कृष्ण राव ने संवाददाताओं से कहा कि इन परिस्थितियों में बचने की संभावना “बहुत अच्छी नहीं है.”
  3. सुरंग का आखिरी 200 मी. हिस्सा गाद से भरा: तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे. हादसे के बाद ज्यादातर लोग बाहर निकल आए, लेकिन 8 लोग अभी तक लापता हैं. उन्होंने बताया कि सुरंग का आखिरी 200 मीटर हिस्सा पानी और कीचड़ से भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
  4. रेस्क्यू क्यों हो रहा मुश्किल: भारी मशीनरी को अंदर ले जाना संभव नहीं है. इसलिए वैकल्पिक तरीकों से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है. सुरंग के अंदर गए कृष्ण राव ने संवाददाताओं को बताया, “सुरंग के अंदर मलबा इतना अधिक जमा हो गया है कि उसमें होकर गुजरना असंभव हो गया है. वे (बचावकर्ता) उसमें से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रहे हैं.
  5. रेस्क्यू के बारे में मंत्री ने क्या बताया: फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम कुछ नहीं कह सकते. हमें उम्मीद है, लेकिन जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी और हम कुछ नहीं कह सकते. बचने की संभावना के बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते, संभावनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं.”
  6. सुरंग के अंदर कैसे फंसे मजदूर: राज्य सरकार द्वारा जारी वीडियो में बचावकर्मी मिट्टी की मोटी परतों, लोहे की उलझी हुई छड़ों और सीमेंट के बीच से गुजरते नजर आ रहे हैं. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि शनिवार की सुबह जब सुरंग का हिस्सा ढहा तब लगभग 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे और उनमें से अधिकतर बच निकलने में सफल रहे.
  7. मजदूरों की सलामती की दुआ: रेड्डी ने कहा, ‘‘लेकिन कल से आठ लोग लापता हैं हम प्रार्थना कर रहे हैं कि वे सुरक्षित रहें…” मंत्री ने कहा कि सुरंग के ध्वस्त हुए हिस्से का अंतिम 200 मीटर हिस्सा पानी और गाद से भर गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि बचाव दल को घटनास्थल पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है.
  8. सुरंग में कहां-कहां के मजदूर फंसे: सूत्रों ने बताया कि जो टीमें 13वें किलोमीटर तक पहुंचने में सफल रहीं, जहां सुरंग ध्वस्त हो गई थी, उन्होंने फंसे हुए व्यक्तियों के नाम पुकारे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. फंसे हुए लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्रीनिवास, जम्मू-कश्मीर के सन्नी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है.
  9. रेस्क्यू में कौन-कौन शामिल: इन आठ लोगों में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं. बचाव अभियान की निगरानी कर रहे नागरकुरनूल के जिलाधिकारी बी. संतोष ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार टीमें – एक हैदराबाद से और तीन विजयवाड़ा से – जिनमें 138 सदस्य हैं, सेना के 24 कर्मी, एसडीआरएफ के कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य उपकरणों के साथ बचाव अभियान में लगे हुए हैं.
  10. सुरंग खोदने वाली मशीन टूटी: एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल को बताया कि एक टीम कल रात सुरंग के अंदर गई थी. वहां बहुत सारा मलबा है और सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) भी क्षतिग्रस्त है और उसके हिस्से अंदर बिखरे पड़े हैं. 

यह भी पढ़ें :-  बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रदूषण मामले पर सुनवाई, मुंबई में निर्माण पर फिलहाल रोक नहीं
Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button