"अयोध्या का जश्न देख, कृष्ण-कन्हैया कहां मानने वाले हैं…" : CM योगी का इशारा मथुरा तो नहीं?

योगी ने कहा कि, ”हमने तो यही कहा था.. भगवान श्रीकृष्ण ने यही तो कहा था – देना है तो आधा दो..लेकिन इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पांच ग्राम. उन्होंने 5 ग्राम की बात की, लेकिन यहां का समाज यहां की आस्था केवल तीन की ही बात कर रहे थे, यह तीन ही भूमि तो हैं जो हमारी आस्था का केंद्र हैं. लेकिन जब राजनीति का तड़का लगने लगता है और वोट की राजनीति होती है, वहीं से विवाद होता है.”
उन्होंने कहा कि, ”भारत का बहुसंख्यक समाज गिड़गिड़ाए, ऐसा पहली बार हुआ. आजादी के बाद ही हो सकता था. अयोध्या का उत्सव जब हमारे नंदी बाबा ने देखा तो कहां मानने वाले थे, रात्रि में बैरिकेडिंग तुड़ावा डाले..इसके बाद हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं…”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ”हम विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करते थे, जिन्होंने हमारे वीर सेनानियों, ईश्वर का अपमान किया, आज भारत यह स्वीकार नही करेगा… तब ही दुर्योधन ने कहा – युद्ध के बगैर एक सुई की नोक बराबर भूमि नही दूंगा केशव. इसके बाद तो महाभारत हुआ ही, इसके बाद जो हुआ सबने देखा.”
#WATCH | Lucknow | In Uttar Pradesh Assembly, CM Yogi Adityanath says, “…Ayodhya city was brought within the purview of prohibitions and curfew by the previous governments. For centuries, Ayodhya was cursed with ugly intentions. It faced a planned disdain. Such treatment to… pic.twitter.com/Bx7Km7QlkV
— ANI (@ANI) February 7, 2024
मुख्यमंत्री का आशय था कि हमने सिर्फ अयोध्या, काशी, मथुरा मांगा था, वो भी नहीं मिला. देश का बहुसंख्यक समाज गिड़गिड़ाता रहा. अयोध्या का उत्सव देख नन्दी बाबा कहां मानने वाले थे, रात में ही बेरिकेटिंग तोड़ दी. योगी आदित्यनाथ ने इशारों-इशारों में मथुरा लेने की बात विधानसभा में कही. वे बोले – हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं.
उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा धार्मिक पर्यटन
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है. पिछले साल 6.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दर्शन किए. मथुरा-वृंदावन में पिछले साल 6.20 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन हुआ. पिछले साल नैमिषधाम में 10 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
यूपी सरकार का फोकस हेरिटेज टूरिज्म पर भी है. बुंदेलखंड के ऐतिहासिक किलों के आसपास पर्यटन विकास के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित हों और पर्यटन अर्थव्यवस्था को बूस्ट-अप मिले. पिछले साल बुंदेलखंड में 2.55 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ. बुद्धिष्ट सर्किट में 29 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ. शुकतीर्थ में 8.50 लाख श्रद्धालु आए.
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