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Candidate Kaun: बारामती सीट पर क्या भाभी और ननद में होगा मुकाबला? पुणे सीट से कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार

बारामती लोकसभा सीट का क्या है हाल? 

इस सीट पर इस बार सबकी नजर है. क्योंकि ये सीट महाराष्ट्र की राजनीति में अहम दर्जा रखने वाले शरद पवार और उनके परिवार से जुड़ी है. पिछले सात बार से यहां एनसीपी जीत रही है. पहले शरद पवार और उसके बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले. लेकिन अब एनसीपी के दो गुट हो चुके हैं. शरद पवार के भतीजे अजित पवार अलग हो चुके हैं,पार्टी का नाम और निशान भी उन्हें मिल चुका है, और वो एनडीए में शामिल हो चुके हैं. सबसे पहले यहां की मौजूदा सांसद की बात कर लेते हैं. सुप्रिया सुले अभी .बारामती से सांसद हैं. 2019 में उन्होंने बीजेपी की कांचन कुल को हराया था. 

2019 में बारामती में 13,07,318 वोट पड़े थे. जिसमें सुप्रिया सुले को 6,86,714 वोट मिले थे. जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी को 5,30,940 वोट मिले. सुप्रिया सुले यहां से लगातार 3 बार की सांसद हैं. 2019 में उन्हें 52.63% वोट मिले थे.

पवार वर्सेज़ पवार मुकाबले की है संभावना

जहां माना जा रहा है कि इस बार पवार वर्सेज़ पवार हो सकता है. पवार ख़ानदान से दो उम्मीदवार उतर सकते हैं. हालांकि अभी कन्फर्मेशन नहीं हुआ है, लेकिन काफ़ी कुछ तस्वीर साफ़ होती दिख रही है. बारामती का उम्मीदवार मीटर बेहद दिलचस्प हो चुका है. यहां से जिनका नाम सबसे आगे चल रहा है, वो हैं मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले. महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं.  शरद पवार की बेटी हैं. तीन बार से यहां लगातार सांसद हैं. पवार परिवार का गढ़ बारामती को माना जाता है. करीब-करीब बिल्कुल साफ़ है कि यहां से विपक्षी गठबंधन का चेहरा सुप्रिया सुले ही होंगी. 

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सुनेत्रा पवार हो सकती हैं एनडीए की उम्मीदवार

बारामती में एनडीए की ओर से जिस नाम की सबसे ज़्यादा चर्चा है, वो सुनेत्रा पवार का है. अजित पवार की पत्नी हैं सुनेत्रा पवार. यानि रिश्ते में वो सुप्रिया सुले की भाभी लगती हैं. वैसे सुनेत्रा अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रही हैं. शिक्षा क्षेत्र में काफ़ी काम किया है. अगर एनडीए ने उन्हें उम्मीदवार बनाया तो बारामती में चुनावी जंग बेहद रोचक हो सकती है. हमारी जानकारी के मुताबिक उम्मीदवर मीटर में इनका नाम काफ़ी ऊपर है. 

बीजेपी के खाते में गयी बारामती सीट तो किसे मिलेगा टिकट? 

हालांकि अगर एनडीए की ओर से अगर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतारा तो किसके नाम की चर्चा तेज़ है. ये भी आपको बता देते हैं. ये हैं कांचन कुल. ये 2019 में भी चुनाव में उतरीं थी. उस समय सुप्रिया सुले से हारीं थीं. फ़िलहाल इनका नाम वेटिंग लिस्ट में है. यहां बीजेपी से एक और नाम है. ये नाम है हर्षवर्धन पाटिल का. ये पहले कांग्रेस में थे. 2019 में कांग्रेस छोड़ी. महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं. 1995 से 2004 तक लगातार चार बार राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं.  इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं. फ़िलहाल इनका नाम भी वेटिंग लिस्ट में है.

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पुणे में क्या है राजनीतिक समीकरण? 

पुणे देश के सबसे बड़े शहरों में एक है. उद्योग हो या शिक्षा, या फिर शहरी विकास, हर मामले में पुणे देश के नामचीन शहरों में माना जाता है. देश के बड़े आईटी हब में एक है. बात पुणे की लोकसभा सीट की करें तो यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच लड़ाई रहती है. पिछली दो बार से ये सीट बीजेपी ने जीती..लेकिन अभी ये सीट ख़ाली पड़ी है. आपको बताते हैं. 2019 में यहां से सांसद बने गिरीश बापट. उन्होंने 2019 में कांग्रेस के मोहन जोशी को हराया था. 2019 में यहां 10,35,654 वोट पड़े थे. जिसमें गिरीश बापट को 6,32,835 वोट मिले थे. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को 3,08,207 वोट मिले थे. लेकिन गिरीश बापट का 29 मार्च 2023 को निधन हो गया. 

पुणे लोकसभा सीट पर 2004 और 2009 में कांग्रेस के सुरेश कलमाड़ी जीते थे. 2014 में बीजेपी के अनिल शिरोले और 2019 में बीजेपी के ही गिरीश बापट जीते. इस बार यहां से कौन सी पार्टी किसे उम्मीदवार बनाती है. ये दिलचस्प होगा. 

पहले बात करते हैं एनडीए की…इसमें बीजेपी की ओर से एक नाम की चर्चा है. ये हैं मुरलीधर मोहोल. पुणे के पूर्व मेयर रह चुके हैं. युवा मराठा चेहरा है. प्रगतिशील नज़रिए के लिए जाने जाते हैं. लोगों में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. हमारे उम्मीदवार मीटर के हिसाब से ये अभी वेटिंग लिस्ट में हैं. बीजेपी से जगदीश तुकाराम मुलिक का नाम भी चर्चा में है. पुणे में पार्टी का ओबीसी चेहरा हैं. पुणे बीजेपी के अध्यक्ष हैं. आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं. देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं. हमारे उम्मीदवार मीटर के हिसाब से ये भी वेटिंग लिस्ट में हैं.  एक और नाम भी इस रेस में है. ये नाम है सुनील देवधर. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं. बीजेपी के आंध्र प्रदेश के सह-प्रभारी रह चुके हैं. 2014 में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी के अभियान प्रबंधक भी थे. केंद्रीय संगठन स्तर पर कान करने का अनुभव है. पार्टी का ब्राह्मण चेहरा हैं.

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पुणे में इंडिया गठबंधन से कौन होगा उम्मीदवार?

एनडीए के बाद एमवीए की बात करते हैं. माना जा रहा है कि ये सीट कांग्रेस के पाले में जा सकती है. उम्मीदवार मीटर कांग्रेस के जिन चेहरों की चर्चा है उनकी बात करते हैं. मोहन जोशी का नाम काफ़ी आगे चल रहा है. पिछली बार भी ये मैदान में थे. तब बीजेपी के गिरीश बापट से हार गए थे. हालांकि पुणं में कांग्रेस का ये पुराना चेहरा हैं. उम्मीदवार मीटर में इनका नाम वेटिंग लिस्ट में है. कांग्रेस की ओर से दूसरा नाम है रविंद्र धंगेकर. ये पुणे की कस्बा पेठ सीट से विधायक हैं. आक्रामक नेता के रूप में पहचान है. रविंद्र 2023 में विधायक बने थे. वो यहां हुए उचुनाव में जीते थे. उनसे पहले कस्बा पेठ विधानसभा सीट पर बीजेपी की मुक्ता तिलक विधायक थीं. लेकिन 22 दिसंबर 2022 को उनकी मौत हो गयी.

उपचुनाव में रविंद्र धंगेकर की जीत ऐतिहासिक थी. क्योंकि ये सीट 1995 से बीजेपी के कब्ज़े में. देखना ये है कि क्या रविंद्र धंगेकर को अब लोक सभा का टिकट मिलता है या नहीं. कांग्रेस से एक और नाम की चर्चा है. ये हैं अरविंद शिंदे. इन्होंने भी कांग्रेस से टिकट मांगी है. 

सोलापुर सीट कभी था कांग्रेस का गढ़

सोलापुर सीट एक वीआईपी सीट मानी जाती रही. पहले कभी ये कांग्रेस का गढ़ थी. इसे इस बात से समझिए कि 1957 से 1991 तक कांग्रेस के उम्मीदवार यहां से लगातार जीते. हालांकि उसके बाद बीजेपी ने भी यहां अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी. पिछले 2 बार से यहां बीजेपी का कब्ज़ा है. 2019 में सोलापुर से जीते बीजेपी के जयसिद्धेश्वर स्वामी . उन्होंने यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता सुशील कुमार शिंदे को. 2019 में यहां 10,84,514 वोट पड़े थे. जयसिद्धेश्वर स्वामी को 5,24,985 वोट मिले. जबकि उनके निकटम प्रतिद्वंदी सुशील कुमार शिंदे को 3,66,377 वोट मिले थे. 

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बीजेपी से कौन हो सकता है उम्मीदवार? 

बीजेपी से जिन नामों की चर्चा है उनमें पहला नाम है जय सिद्धेश्वर स्वामी. मौजूदा सांसद हैं. क्षेत्र में सांसद के साथ एक समाजसेवी के रूप में इनकी पहचान है. पार्टी एक बार फिर इन पर भरोसा कर सकती है. लेकिन टिकट अभी कन्फ़र्म नहीं है. हमारी जानकारी के हिसाब से ये फ़िलहाल वेटिंग लिस्ट में हैं. एक और नाम जो काफ़ी चर्चा में है, वो है राम सातपुते. इनके बारे में आपको बता देते हैं. मालशिरस विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. काफ़ी युवा हैं. अनुसूचित जाती से आते हैं. अगले नाम की बात कर लेते हैं. ये नाम है अमर शंकर साबले. राज्यसभा के पूर्व सदस्य रह चुके हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. हालांकि नाम इनका भी वेटिंग लिस्ट में हैं. 

इंडिया गठबंधन से किसे मिलेगा मौका? 

 पहला नाम जो चल रहा है वो है प्रणिति शिंदे. ये फ़िलहाल सोलापुर शहर मध्य से कांग्रेस की विधायक है. युवा नेता हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं. शिंदे परिवार की इस क्षेत्र में ख़ासी लोकप्रियता रही है…माना जा रहा है कि प्रणिति शिंदे का नाम  यहां से लगभग तय है. एमवीए से एक और नाम है सुधीर खरटमल. ये शरद पवार की पार्टी से हैं. पार्टी के शहर अध्यक्ष हैं. माना जा रहा है कि ये भी लोक सभा के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं….फ़िलहाल ये वेटिंग लिस्ट में हैं. शरद पवार की पार्टी से ही एक और नाम है प्रमोद गायकवाड. ये पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. इनका नाम भी अभी वेटिंग लिस्ट में है.

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