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श्रीलंका में मार्क्सवादी 'AKD' कौन हैं, जो चुने गए हैं राष्ट्रपति, जानें चीन क्यों खुश होगा


कोलंबो:

अनुरा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. यह पहली बार है जब एक वामपंथी नेता ने राष्ट्राध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. दिसानायके , मार्क्सवादी विचारधारा वाली जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) से आते हैं. शपथ ग्रहण समारोह कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में हुआ. मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने दिसानायके को शपथ दिलाई.

चुनाव में पहली बार गिने गए दूसरी वरीयता के वोट

चुनाव में पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती की गई. यह तब हुआ जब दिसानायके और समागी जन संधानया के उम्मीदवार सजित प्रेमदासा, जरुरी वोट प्रतिशत हासिल करने में नाकाम रहे. इसके बाद दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती करने की जरुरत पड़ी. रविवार शाम 7 बजे चुनाव आयोग द्वारा अंतिम परिणाम घोषित किए गए. आयोग के अनुसार, दिसानायके ने 42.31 प्रतिशत वोटों के साथ राष्ट्रपति पद जीता, जबकि प्रेमदासा दूसरे स्थान पर रहे और मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, जो पहले दौर के बाद बाहर हो गए थे, तीसरे स्थान पर रहे.

पीएम मोदी ने दी दिसानायके को राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिसानायके को राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर बधाई दी. पीएम मोदी ने रविवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों में आपकी जीत पर अनुरा दिसानायके को बधाई. भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और विजन ‘सागर’ में श्रीलंका का विशेष स्थान है. मैं अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए हमारे बहुमुखी सहयोग को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.”

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दिसानायके ने दिया ये जवाब

प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए दिसानायके ने पोस्ट किया, “पीएम मोदी, आपके समर्थन के लिए धन्यवाद. मैं हमारे देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की आपकी प्रतिबद्धता को साझा करता हूं. साथ मिलकर, हम अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं.”

भारतीय उच्चायुक्त ने की मुलाकात

रविवार को दिसानायके की जीत की घोषणा के बाद भारतीय उच्चायुक्त उनसे मिलने वाले पहले लोगों में से एक थे. श्रीलंका के 2022 के आर्थिक संकट के दौरान भारत के निर्णायक राजनीतिक और आर्थिक समर्थन ने दोनों देशों के रिश्तों को बेहद मजबूती दी. सख्त जरूरत के समय में, भारत ने अपने पड़ोसी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाते हुए, 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नकदी और संसाधनों से मदद की.

चीन के लिए क्यों है ये खुशी की बात 

बता दें कि अनुरा दिसानायके मार्क्सवादी पृष्णभूमि से आते हैं और चीन की ओर उनका झुकाव भी अधिक है. ऐसे में उनका श्रीलंका का राष्ट्रपति बनना चीन के लिए खुशी की बात है. दिसानायके के राष्ट्रपति बनने से श्रीलंका की राजनीतिक दिशा में जरूर बदलाव देखने को मिल सकता है. साथ ही देश के आर्थिक पुनरुद्धान के लिए भी दिसानायके की नीतियां काम आ सकती हैं. (इनपुट आईएएनएस से भी)



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