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कौन हैं आलमगीर आलम… जिनके पीए के घरेलू सहायक के घर से मिले 25 करोड़ कैश

पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के 4 बार विधायक रहे आलमगीर आलम…

नई दिल्‍ली :

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय में टेंडर कमीशन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) बड़ी कार्रवाई कर रही है. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद PMLA के तहत 6 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. साथ ही झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के परिसरों की तलाशी ली गई है, जिसमें 25 करोड़ कैश बरामद किया गया है. तलाशी के दौरान परिसर से नकदी बरामद की गई है, जिसकी गिनती जारी है. सूत्रों ने कहा कि बरामद की गई नकदी में मुख्य रूप से 500 रुपये के नोट हैं और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए हैं.

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ईडी के सूत्रों ने कहा कि नकदी गिनने के लिए नोट गिनने वाली मशीनें लगाई गई हैं, ताकि बरामद की गई राशि कितनी है इसका पता लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह राशि 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. 

कौन हैं आलमगीर आलम

  • झारखंड के संसदीय कार्य और ग्रामण विकास मंत्री.
  • 2006-09 तक झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रहे.
  • पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के 4 बार विधायक रहे.
  • साल 2000 में पहली बार विधायक बने.
  • सरपंच चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश.

 

इसके अलावा ईडी की ये कार्रवाई निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके क़रीबियों के ठिकानों पर की जा रही है. गौरतलब है कि ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को फ़रवरी 2023 में कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया था.

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भाजपा हुई हमलावर…

झारखंड के भाजपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने एक्स अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “दो दिन पहले प्रधानमंत्री झामुमो-कांग्रेस के जिस ‘लूट मॉडल’ की बात कर रहे थे, उसे इन रुपयों ने सत्यापित कर दिया है.” पूर्व सीएम ने कहा है कि गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के हक मारकर लूटे हुए इन्हीं पैसों से कांग्रेस अपने शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रही है. ईडी, सीबीआई के दुरुपयोग की दुहाई देने वाली झामुमो-कांग्रेस जनता के सामने अब कौन सा नया बहाना बनाएगी? धीरज साहू से लेकर आलमगिर आलम और पंकज मिश्रा से लेकर पूजा सिंहल तक के ठिकानों से जिस प्रकार अथाह काले धन बरामद हुए हैं, उससे पिछले 5 सालों के दौरान राज्य सरकार द्वारा की गई संगठित लूट जगजाहिर हो चुकी है.”

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