Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

कौन हैं मार्क कार्नी जो बने कनाडा के नए प्रधानमंत्री, जानें उनके बारे में सबकुछ

मार्क कार्नी ने ओटावा में कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. कार्नी ने किंग चार्ल्स की निजी प्रतिनिधि जनरल मैरी साइमन की मौजूदगी में पद की शपथ ली. बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर 59 वर्षीय कार्नी ने अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों भाषाओं में शपथ ली.

कार्नी जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने नौ साल से ज़्यादा समय तक प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. संकटों से निपटने में उनके अनुभव के साथ-साथ कार्नी की बाहरी हैसियत को उनकी जीत का एक बड़ा कारण माना गया. एक बयान में, कार्नी ने कनाडा की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि वह ट्रंप से तभी मिलेंगे “जब कनाडा की संप्रभुता का सम्मान होगा.” उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक अमेरिका कनाडा के प्रति सम्मान प्रदर्शित नहीं करता, तब तक वे अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ़ बनाए रखेंगे. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के अनुसार, ट्रंप और कार्नी के बीच एक कॉल की व्यवस्था करने के प्रयास चल रहे हैं. 

मार्क कार्नी के बारे में
मार्क कार्नी दो बार सेंट्रल बैंकर रह चुके हैं. 1965 में नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में जन्मे है, उन्होंने अपनी पढ़ाई हार्वर्ड में की. 2003 में बैंक ऑफ कनाडा के डिप्टी गवर्नर के रूप में सेवा देने से पहले उन्होंने गोल्डमैन सैक्स में 13 साल बिताए. उन्होंने नवंबर 2004 में वित्त मंत्रालय में शीर्ष पद के लिए पद छोड़ दिया और 2008 में केंद्रीय बैंक के गवर्नर बनने के लिए वापस लौटे. 

यह भी पढ़ें :-  मार्क कार्नी होंगे कनाडा के PM, ट्रंप को 'वोल्डेमॉर्ट' बताने वाले लीडर की जीत US-भारत के लिए कैसी खबर?

इसके बाद उन्होंने 2008-2009 के वित्तीय संकट के दौरान केंद्रीय बैंक का नेतृत्व करने के लिए तारीफ बटोरी. इसके बाद 2013 में उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपने साथ मिला लिया, जिससे वे केंद्रीय बैंक के तीन शताब्दी के इतिहास में पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर बन गए और दो G7 केंद्रीय बैंकों का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति बन गए. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें ब्रेक्सिट की राजनीतिक अराजकता का भी सामना करना पड़ा. 2020 में बैंक ऑफ इंग्लैंड छोड़ने के बाद, 59 वर्षीय ने मार्क ने वित्त और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के दूत के रूप में कार्य किया.

क्या है कार्नी की चुनौती? 
कार्नी की पहली बड़ी चुनौती तनावपूर्ण यूएस-कनाडा संबंधों को संबोधित करना होगा, जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. इससे निपटने के लिए, कार्नी अपने मंत्रिमंडल को फिर से आकार देने की योजना बना रहे हैं, जिसमें वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को अंतरराष्ट्रीय व्यापार पोर्टफोलियो में स्थानांतरित किया जाएगा और नवाचार मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन वित्त मंत्री का पदभार संभालेंगे. इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य यूरोप में कनाडा के गठबंधनों को मजबूत करना है, खासकर लंदन और पेरिस में, जहां कार्नी अगले सप्ताह जाने वाले हैं.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button