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कौन हैं सबरीमाला मंदिर के पुजारी अरुणकुमार नंबूदरी, कैसे चुने गए, जानिए

  1. सबरीमाला मंदिर के नए पुजारी: अरुणकुमार नंबूदरी (Sabarimala Lord Ayyappa Temple Priest Arunkumar Namboothiri) को भगवान अयप्पा मंदिर का नया मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया है. उनका चुनाव मंदिर के मेलशांति के रूप में किया गया है. अरुण कुमार मूल रूप से कोल्लम के शक्तिकुलंगरा के रहने वाले हैं. 
  2. 15 नवंबर से संभालेगे जिम्मेदारी:  अरुण कुमार 15 नवंबर को सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी (मेलशांति) के रूप में कार्यभार संभालेगे. वह पहले तिरुवनंतपुरम के अट्टुकल मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं.
  3. ये अयप्पा का फैसला: अरुण कुमार ने मंदिर के पुजारी चुने जाने पर द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में खुशी जताते हुए कहा कि यह भगवान अयप्पा का फैसला है. सभी की तरह मुझे भी सुबह की पूजा के बाद यह बात पता चली. मेरे दिल में थोड़ी सी उम्मीद पहले से थी.
  4. 6 साल से नाम, अब मौका: अरुण कुमार ने कहा कि यह भगवान अयप्पा की मर्जी है. मेरा नाम ड्रा बॉक्स में छह साल से था. हर बार मैं इंतजार करता रहा. हमने इंतजार किया. इस फैसले से मैं खुश हूं.
  5. बचपन का इंतजार पूरा हुआ: अरुण कुमार ने कहा कि पूजा-पाठ के नियम सीखने से पहले से ही मैं भगवान अयप्पा की सेवा कर रहा हूं.  बचपन से मुझे इस पल का इंतजार था. मैने अपना पूरा जीवन  अयप्पा की सेवा में लगाने का फैसला लिया है.
  6. लकी ड्रा से पुजारी का चुनाव: अरुण कुमार नंबूदरी को अयप्पा मंदिर के लिए त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) से शॉर्टलिस्ट किए गए  24 पुजारियों के पैनल से ड्रा के जरिए चुना गया है. 
  7. 1 साल तक मंदिर के पुजारी रहेंगे: अरुण कुमार भगवान अयप्पा मंदिर तो वहीं कोझिकोड के रहने वाले वासुदेवन नंबूदरी मलिकप्पुरम देवी मंदिर के मुख्य पुजारी होंगे. उनको 15 लोगों में से चुना गया है. दोनों के साल तक अपने पदों पर रहेंगे. 
  8. किसने निकाली नाम की पर्ची:  पंडालम राजपरिवार के ऋषिकेश वर्मा ने लकी ड्रॉ के जरिए सबरीमाला मंदिर के मेल शांति को चुना. मंदिर के मेलशांति के लिए पर्ची पंडालम राजपरिवार की वैष्णवी ने निकाली थी.
  9. मंदिर के 16वें मेलशांति: अरुण कुमार अयप्पा मंदिर के 16वें मेलशांति चुने गए है. छोटी सी उम्र से ही वह मंदिरों के बीच रहे हैं. उनके पिता श्री धर्म सष्णा मंदिर के पुजारी थे. उस समय वह पिता की पूजा-पाठ में मदद करते थे.
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