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बांग्लादेश बैंक के गवर्नर, प्रोफेसर, एक्टिविस्ट और छात्र नेता… यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए कौन-कौन हुआ शॉर्टलिस्ट?


ढाका:

बांग्लादेश में सियासी घटनाक्रम (Bangladesh Political Crisis) तेजी से बदल रहे हैं. 5 अगस्त को हिंसा के बीच शेख हसीना (Sheikh Hasina) को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया. वो अपना देश छोड़कर भारत आ चुकी हैं. उनके जाने के बाद बांग्लादेशी आर्मी चीफ जनरल वकाल-उज-जमान ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया था. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Nobel laureate Dr Muhammad Yunus)को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई है. गुरुवार रात 8:30 बजे यूनुस अंतरिम सरकार के चीफ के तौर पर शपथ लेंगे. उनके साथ अंतरिम सरकार में कुल 15 लोग भी शपथ ले सकते हैं. शपथ ग्रहण समारोह बंगभवन में होना है. ये बांग्लादेश के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन अंतरिम सरकार को शपथ दिलाएंगे.

80 साल के मोहम्मद यूनुस को 1970 के दशक में माइक्रोफाइनेंस के अग्रणी के रूप में जाना जाने लगा. इससे देश के सबसे गरीब लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली.अंतरिम सरकार के चीफ की शपथ लेने के लिए मोहम्मद यूनुस आज दोपहर 2:30 बजे ढाका पहुंचे हैं. उन्होंने ढाका एयरपोर्ट पर आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान से मुलाकात की है. यूनुस की सिविल सोसाइटी के लोगों और छात्र नेताओं से भी बात हुई है. मामले से वाकिफ सूत्र के मुताबिक, इस मीटिंग में कुछ और नामों पर चर्चा हुई, जिन्हें अंतरिम सरकार का हिस्सा बनाया जा सकता है.

अंतरिम सरकार में कौन-कौन होगा शामिल?
‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम सरकार में बांग्लादेश बैंक के गवर्नर डॉ. सलाउद्दीन अहमद, ढाका यूनिवर्सिटी लॉ डिपार्टमेंट प्रोफेसर आसिफ नजरूल, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट अदिलुर रहमान खान, पूर्व अटॉर्नी जनरल और अंतरिम सरकार के सलाहकार अफ हसन आरिफ, पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन, बांग्लादेश पर्यावरण वकील एसोशिएशन (BELA) के चीफ एग्जिक्यूटिव सैयद रिजवान हसन, छात्र आंदोलन के दो नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महफूजर रहमान को जगह दी जा सकती है. 

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लिस्ट में इनका भी नाम शामिल
वहीं, मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदाय के नेता और रंगमति डिस्ट्रिक्ट के पूर्व चेयरमैन गौतम दीवान, जाने-माने वकील और एक्टिविस्ट सारा हुसैन, पूर्व अधिकारी धीरज मलाकर और देवबंदी इस्लामिक स्कॉलर एएफएम खालिद हुसैन का नाम भी आगे बढ़ाया है. हालांकि, ये नाम अभी आधिकारिक तौर पर फाइनल नहीं हैं.

सलाहकारों में किसी नेता को नहीं किया जाएगा शामिल
सूत्रों क मुताबिक, अंतरिम सरकार के सलाहकार को विभिन्न क्षेत्रों और सिविल सोसाइटी से चुना जाएगा. इसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी का नेता शामिल नहीं होगा.

अंतरिम सरकार का क्या होगा काम?
अंतरिम सरकार का सबसे पहला काम देश के माहौल को शांत करना होगा. कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी. शेख हसीना के जाने के बाद उनके समर्थकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी अंतरिम सरकार का काम होगा. इसके साथ ही अंतरिम सरकार को बांग्लादेश की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में गति देने के लिए कई फैसले लेने होंगे. नई सरकार को देश में भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और बढ़ती महंगाई को कम करना होगा. युवाओं को रोजगार देने की नीति पर भी काम करने की जरूरत है. पलायन को रोकना भी एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

अंतरिम सरकार का कार्यकाल कब तक होगा?
रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम सरकार 3 साल तक काम करेगी. ताकि देश में स्थिरता लौट आए. इसके बाद ही चुनाव कराए जा सकते हैं. जबकि, खालिदा जिया की पार्टी BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) ने 3 महीने के अंदर चुनाव कराने की मांग की है.

बांग्लादेश में 7 जनवरी को हुए थे आम चुनाव
बांग्लादेश में 7 जनवरी को संसदीय चुनाव हुए थे. शेख हसीना की अवामी लीग ने 300 में से 224 सीटें जीती थीं. अवामी लीग की सहयोगी जतिया पार्टी ने 11, स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 61 सीटें जीतीं और बाकी सीटें अन्य पार्टियों के खाते में गई थीं. नतीजों के बाद 11 जनवरी को शेख हसीना ने पीएम पद की शपथ ली. नई कैबिनेट में पीएम समेत 37 सदस्य थे. बाद में उनकी संख्या 44 हो गई. हालांकि, हिंसा के बाद राष्ट्रपति ने बुधवार को संसद भंग कर दी है. 

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