देश

कोलाबा का ताज किसके सिर पर सजेगा? काम की ताकत और बदलाव की उम्मीदों के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबला


मुंबई:

मुंबई की सबसे प्रतिष्ठित विधानसभा सीटों में से एक कोलाबा इस बार चुनावी अखाड़े का केंद्र बन गई है. ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया, ताज होटल, बड़े कॉरपोरेट दफ्तर और पॉश रिहायशी इलाके इस क्षेत्र की अहमियत को और ज्यादा बढ़ा देते हैं. इस बार बीजेपी ने अपने दो टर्म विधायक रहे और विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार हीरा देवासी पर विश्वास जताया हैं.

कोलाबा का चुनाव सिर्फ उम्मीदवारों की ताकत या रणनीतियों का नहीं है, बल्कि यहां की विविध जनता की प्राथमिकताओं का भी बड़ा इम्तिहान है. आलीशान इमारतों और झुग्गियों का मेल, यहां के मुद्दों और चुनौतियों को खास बनाता है. ऐसे में देखना होगा कि प्रचार की ये गहमागहमी मतदाताओं को किस ओर मोड़ती है.

राहुल नार्वेकर अपनी जीत को लेकर निश्चित

बालासाहेब ठाकरे की स्मृति दिन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे राहुल नार्वेकर अपनी जीत को लेकर निश्चित है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी हीरा देवासी को राजनीति और कोलाबा के मुद्दों से परे बताया है. उन्होंने कहा कि हीरा देवासी को राजनीति समझ नहीं आती. वह पिछले दोनों में कभी कोलाबा में नजर नहीं आए. जो लोग कहते हैं कि असली शिवसेना मैंने चुनी तो ऐसा नहीं है, यह सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग की फैसले से हुआ है और ना कि मेरा कोई निजी फैसला है.

वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार हीरा देवासी ने अपने आप को चुनाव के लिए तैयार बताया हैं और साथ ही लोगों को प्रगति की दिशा में ले जाने की बात कही है. कांग्रेस के कोलाबा से उम्मीदवार हीरा देवासी ने कहा कि मेरे प्रतिद्वंदी क्या कहते हैं मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं अपना काम करता आया हूं और करता रहूंगा. आज भी स्थानीय लोगों के यहां पर कई सारे मुद्दे हैं. जिन पर ध्यान नहीं दिया जाता और यदि मैं चुनकर आया तो मैं सबसे पहले लोगों की समस्याओं का निवारण करूंगा.

यह भी पढ़ें :-  " कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ी जाती हैं..." अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले कपिल सिब्बल का पोस्ट

आखिर क्यों है इतनी खास सीट

कोलाबा विधानसभा क्षेत्र में बॉम्बे हाईकोर्ट, मंत्रालय, विधान भवन, बृहन्मुंबई नगर निगम और मुंबई पुलिस मुख्यालय जैसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण संस्थान स्थित हैं. मुंबई विश्वविद्यालय जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की वजह से यह क्षेत्र पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

इस क्षेत्र में आलीशान हाई-राइज इमारतों के साथ अंबेडकर नगर, गीता नगर और अनुषक्ति नगर जैसी झुग्गियां भी हैं. गिरगांव के छोटे चॉल्स और मस्जिद बंदर के मोहल्ले यहां की पहचान हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,65,265 पंजीकृत मतदाता हैं. मराठी मतदाता इस क्षेत्र में लगभग 90,000 की संख्या में हैं. गुजराती, मारवाड़ी, जैन और उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या भी करीब 90,000 है. कैथोलिक समुदाय के 7,000 मतदाता, मुस्लिम समुदाय के 45,000 और पारसी समुदाय के 2,000 मतदाता यहां रहते हैं, जो मुंबई की सबसे बड़ी पारसी जनसंख्या है.

चुनावी घमासान अपने चरम पर है. परिणामों का इंतजार पूरे राज्य को है. इस हाई-प्रोफाइल सीट पर स्थानीय मुद्दों से लेकर राज्य की राजनीति तक, हर पहलू का असर दिखेगा. सवाल यह है कि क्या जनता परंपरा को बरकरार रखेगी, या इस बार बदलाव का बिगुल बजेगा? कोलाबा के विधानसभा क्षेत्र का ‘गेट’ किसके लिए खुलेगा और कौन ले जाएगा विजय का ‘ताज’?

ये भी पढ़ें- द्वारका 500, नजफगढ़ 500, दिल्ली में आज सांस लेना भी मुश्किल, विजिबिलिटी भी 150 पहुंची, कई फ्लाइट्स और ट्रेनें लेट

Video : प्रदूषण पर SC का दिल्ली सरकार से सवाल, GRAP-3 पहले लागू क्यों नहीं किया?


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button