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कौन जीतेगा हरियाणा चुनाव का दंगल, किसने क्या है दांव पर, यहां देखें चुनाव की फाइनल पिक्चर


नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव का मतदान आज कराया जा रहा है.पिछले दो बार से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए मैदान में है.लेकिन उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. वहीं एक दशक से राज्य की सत्ता से दूर कांग्रेस सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है.चुनाव प्रचार के दौरान उसने बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को भुनाने की कोशिश की.कांग्रेस ने बेरोजगारी, संविधान पर खतरा, अग्नीवीर योजना को मुद्दा बनाया. वहीं बीजेपी ने अपनी राज्य और केंद्र सरकार के कामकाज, नरेंद्र मोदी के चेहरे और कांग्रेस को दलित-पिछड़ा विरोधी बताकर वोट मांगा.इस चुनाव में दो करोड़ से अधिक मतदाता 1031 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. इसके लिए 20 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के मुताबिक हरियाणा के सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान पांच अक्टूबर की सुबह सात बजे शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा.मतदान के लिए कुल 20 हजार 629 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.चुनाव मैदान में कुल 1031 उम्मीदवार हैं. इनमें 101 महिलाएं हैं. 

दलों का जोड़ और गठजोड़

इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आजाद समाज पार्टी (असपा) चुनाव मैदान में हैं. बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं.प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय सिंह चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), बीजेपी के अनिल विज (अंबाला कैंट), ओपी धनखड़ (बादली)पहलवान विनेश फोगट (जुलाना) से चुनाव मैदान में हैं. देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में  (हिसार) से चुनाव लड़ रही हैं. 

बीजेपी और आम आदमी पार्टी प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीन गठबंधन चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.उसने भिवानी सीट अपनी गठबंधन सहयोगी माकपा को दी है.बीजेपी की सरकार में साझीदार रही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन किया है. जेजेपी 70 और एएसपी 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. वहीं राज्य में कई बार सरकार चला चुके इंडियन नेशनल लोकदल ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया है. इसके तहत इनेलो 53 और बसपा 37 सीटों पर चुनाल लड़ रही है. 

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किसने किस मुद्दे पर मांगा वोट

राज्य में 2014 से सरकार चला रही बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान डबल इंजन सरकार के कामकाज और प्रदर्शन पर जोर दिया. इसके उसने आरक्षण, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और वंशवाद की राजनीति जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस को निशाने पर रखा.इसके अलावा महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों से जुड़े मुद्द दोनों मुख्य दलों कांग्रेस और बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में जगह दी. 

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह जैसे कैंद्रीय मंत्रियों ने जनसभाओं को संबोधित किया.इनके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया. 

कांग्रेस का चुनाव प्रचार

कांग्रेस की ओर से प्रचार की कमान  मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,सचिन पायलट, राज बब्बर आदि ने संभाली. वहीं राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दिपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर प्रचार किया.वहीं सिरसा की सांसद और राज्य की प्रमुख दलित नेता कुमारी शैलजा टिकट बंटवारे में महत्व न मिलने अधिकांश समय चुनाव प्रचार से दूर रहीं. पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वो प्रचार में कूदीं. बीजेपी ने इस आधार पर कांग्रेस को दलित विरोधी ठहराने की कोशिश की.

वहीं जजपा की ओर से दुष्यंत चौटाला और इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला ने अपनी-अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार किया. 

कांग्रेस ने सात गारंटी देने का वादा किया है. इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, जाति आधारित सर्वेक्षण और सत्ता में आने पर महिलाओं को दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा शामिल है.वहीं बीजेपी ने महिलाओं के लिए 21 सौ रुपये की मासिक सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और राज्य के अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी की गारंटी का वादा प्रमुख है.

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पीएम मोदी ने हरियाणा में कौन से मुद्दे उठाए

चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने किसानों, गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों समेत समाज के विभिन्न तबकों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के नाम पर वोट मांगा. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के त्वरित विकास के लिए बीजेपी को फिर से सत्ता देने की अपील की.उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए उसे देश की सबसे बड़ी दलित विरोधी पार्टी बताया.उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार कांग्रेस की रगों में है.उन्होंने कांग्रेस को दलालों और दामादों की पार्टी बताया. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस सरकार में ‘खर्ची और पर्ची’के बिना एक भी नौकरी नहीं मिली.

हरियाणा में चुनावी रैली को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी.

हरियाणा में चुनावी रैली को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी.

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधने के लिए मोदी सरकार पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, किसानों के कल्याण सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की.प्रचार के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संविधान गरीबों की रक्षा करता है और आरएसएस के लोग संविधान को कमजोर करना चाहते हैं.उन्होंने बीजेपी पर देश में धर्म, भाषा और जाति के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नफरत को विजयी नहीं होने देगी. उन्होंने हरियाणा में बेरोजगारी और नशीली दवाओं के खतरे के मुद्दे भी लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा में केवल एक दिन चुनाव प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी झूठ बोलने  में माहिर हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी अतीत में मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है. खरगे के खराब स्वास्थ्य के कारण उनकी कई रैलियां रद्द कर देनी पड़ीं.

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राम रहीम को मिले पैरोल के मायने

हरियाणा चुनाव के दौरान ही बलात्कार और हत्या के आरोप में जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को अदालत ने 20 दिन की पैरोल दे दी. पैरोल देते हुए अदालत ने कहा है कि वो हरियाणा में नहीं रहेंगे और न ही सोशल मीडिया पर चुनाव को लेकर कोई पोस्ट करेंगे. जेल से निकलने के बाद उन्होंने हरियाणा में अपने भक्तों के लिए नाम चर्चा का आयोजन किया. राम रहीम को पैरोल देने की राज्य के विपक्षी दलों ने आलोचना की. 

कैसा था 2019 के चुनाव का परिणाम

हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40, कांग्रेस ने 31, जजपा ने 10, इनेलो ने एक, एचएलपी ने एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने सात सीटों पर कब्जा जमाया था. परिणाम आने के बाद बीजेपी ने जजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था. लेकिन इस साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था. इसके साथ ही बीजेपी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को बैठा दिया था. 

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