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क्यों खराब हो रहे हैं भारत-कनाडा के संबंध, जस्टिन ट्रूडो के लिए कितने जरूरी हैं सिख


नई दिल्ली:

भारत और कनाडा के संबंध दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं. भारत कहना है कि उसने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत छह राजनयिकों को वापस बुला लिया है.वहीं कनाडा का दावा है कि उसने इन भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया है. उसने इन राजनयिकों पर सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े हाने का आरोप लगाया है.भारत ने इन आरोपों को बेबुनियाद और अस्वीकार्य बताया है.भारत ने सोमवार को कनाडा के छह राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा है. इसके बाद से दोनों देशों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. भारत का कहना कि राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहे कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो उस पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.अब इस विवाद में मशहूर गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भी नाम आ गया है. रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के प्रमुख ने  सोमवार को आरोप लगाया कि भारत के एजेंट लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर काम रहे हैं.लेकिन उनसे इसको लेकर कोई सबूत नहीं दिया है.

भारत और कनाडा के आरोप-प्रत्यारोप

भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को देश से चले जाने को कहा है. ये राजनयिक हैं-स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यकारी उच्चायुक्त), पैट्रिक हेबर्ट (उप-उचायुक्त), मैरी कैथरीन जॉली (फर्स्ट सेक्रेटरी),  इआन रॉस डेविड ट्राइट्स (फ़र्स्ट सेक्रेटरी), एडम जेम्स चुइपका (फर्स्ट सेक्रेटरी) और पाउला ओर्जुएला (फर्स्ट सेक्रेटरी). इन्हें भारत छोड़ने के लिए 19 अक्तूबर की रात 11:59 बजे तक का समय दिया गया है.भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कनाडा के प्रभारी राजदूत को तलब किया था. भारत ने राजदूत से कहा है कि हिंसा और उग्रवाद के माहौल में ट्रूडो सरकार की कार्रवाइयों ने भारतीय राजनयिकों और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है.

कनाडा ने भारत के साथ साझा किए एक डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन में कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों पर खालिस्तान समर्थक एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को हुई हत्या के मामले में जुडे़ होने का आरोप लगाया है.

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भारतीय राजनयिक के सिर पर इनाम

कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. इन भारतीय राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत पहुंचने की संभावना है.कनाडा में खालिस्तान समर्थक वर्मा का पीछा कर रहे हैं.बीते शनिवार को वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने उनके पुतले को जलाया और उसे गोली मारी. इन लोगों ने वर्मा के सिर पर पांच लाख कनाडाई डॉलर का इनाम रखा है.

सोमवार को भारत ने कनाडा के एक डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन को खारिज कर दिया और आरोपों को बेबुनियाद और अस्वीकार्य बताया है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पिछले साल कनाडाई नागरिक की हत्या में भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के आरोपों से संबंधित सूचनाएं उन्होंने अमेरिका समेत अपने निकट सहयोगियों के साथ साझा की हैं.ट्रूडो की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भारत ने सोमवार को ही कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या

भारत और कनाडा के संबंधों में आई इस बड़ी दरार की वजह है 18 जून 2023 को हुई सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या. निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में स्थित एक गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.वो जलंधर के भार सिंह पुरा गांव का निवासी था. वो खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख था.वो इस अलगाववादी संगठन के सदस्यों की भर्ती, उनके प्रशिक्षण और संगठन की आर्थिक मदद की व्यवस्था करता था.निज्जर खालिस्तान समर्थक था.भारत ने निज्जर को आतंकवादी घोषित कर रखा था. 

हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में हत्या कर दी गई थी.

हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में हत्या कर दी गई थी.

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प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर 2023 को संसद में कहा कि निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा था कि उनके पास इसके लिए पुख्ता सुबूत हैं.कनाडा की पुलिस ने तीन मई 2024 को इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया था.हिरासत में लिए गए लोगों के नाम हैं, करण बराड़, करणप्रीत सिंह और कमलप्रीत सिंह. ये तीनों भारतीय नागरिक हैं. 

राजनयिकों का देश निकाला

भारत ने पिछले साल अक्टूबर में 40 कनाडाई राजनयिकों को मिली राजनयिक छूट रद्द कर दी थी.भारत ने आरोप लगाया था कि कनाडा सिख अलगाववादियों को जो छूट दे रहा है,वह भारत के साथ-साथ कनाडा के लिए भी सही नहीं है.भारत का इस मामले में मानना रहा है कि कनाडा ने निज्जर की हत्या के मामले में केवल आरोप लगाया है कोई सबूत नहीं दिया है.भारत का कहना है कि कनाडा की सरकार राजनीतिक फायदे के लिए जानबूझकर भारत पर आरोप लगा रही है.

भारत का कहना है कि संगठित अपराध से जुड़े पंजाब के लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है. उनको वीजा दिया जाता है, जो भारत में वांटेड हैं.भारत का कहना है कि इनमें कई लोग झूठे दस्तावेजों के सहारे कनाडा जा रहे हैं. ऐले लोगों को कनाडा अपने यहां रहने की इजाजत दे रहा है.

कनाडा में सिख आबादी

कनाडा में अक्तूबर 2025 में चुनाव होने प्रस्तावित हैं.ट्रूडो सिखों के समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं.कनाडा की आबादी में सिखों की आबादी करीब 2.1 फीसदी है.जस्टिन ट्रूडो 2015 से सत्ता में हैं. उनकी लिबरल पार्टी  2019 और 2021 में बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी.उन्होंने दूसरे दलों के समर्थन से सरकार बनाई थी.उन्हें समर्थन देने वालों में जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) भी शामिल थी.

अपने परिवार के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो.

अपने परिवार के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो.

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जगमीत सिंह भी खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं.  ट्रूडो ने 2015 में अपनी पहली सरकार में चार सिखों को मंत्री बनाया था. यह कनाडा में ट्रूडो की राजनीति में सिखों के महत्व को बताने के लिए पर्याप्त हैं. ट्रूडो जब 2018 में भारत आए थे तो उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था भी टेका था. 

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