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देश

क्यों भिड़े हुए हैं बसपा और कांग्रेस के नेता, मायावती ने राहुल गांधी को क्या दी है नसीहत


नई दिल्ली:

इन दिनों बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बीच शब्द युद्ध छिड़ा हुआ है. पहले कांग्रेस नेता उदित राज और अब राहुल गांधी के एक बयान पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं. अब दोनों पार्टियां एक दूसरे को बीजेपी की बी टीम बता रही हैं. हालत यह है कि अब इस लड़ाई में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही शामिल हो गया है.  

बसपा कांग्रेस की लड़ाई का इतिहास

उत्तर प्रदेश में बसपा कांग्रेस की लड़ाई बहुत पुरानी है. इससे पहले 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भी प्रियंका गांधी और बसपा के बीच बयानबाजी हुई थी. हालात यहां तक पहुंच गए थे कि मायावती ने कांग्रेस को वोट कटवा बता दिया था. उन्होंने कांग्रेस के सीएम चेहरे पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी पर हमला किया था. लेकिन चुनाव के बाद सब शांत हो गया था. 

उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके पहले एक बार फिर कांग्रेस और बसपा आमने सामने आ गए हैं. इसी हफ्ते कांग्रेस के दलित नेता उदित राज ने मायावती का ‘गला घोटने’ तक की बात कर दी. उन्होंने कहा था कि मायावती ने दलित आंदोलन का गला घोंटा, इसलिए अब समय आ गया है कि उनका ही गला घोंट दिया जाए.हालांकि उन्होंने यह भी कगा था कि इसे कांग्रेस का बयान न माना जाए. उन्होंने यह बात लखनऊ में की थी. इसके बाद बसपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से उदित राज को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की. 

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राहुल गांधी ने मायावती पर क्या कहा है

उदित राज के बयान पर मचा घमासान अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एक और बयान बम फोड़ दिया. उन्होंने रायबरेली में दलित युवाओं के साथ संवाद किया. इसमें उनसे मायवती और बसपा पर एक सवाल पूछा गया.इस पर उन्होंने पूछा कि मायावती अब चुनाव ठीक से क्यों नहीं लड़ रही हैं.कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले वह हमारी तरह बीजेपी के विरोध में चुनाव लड़ती थीं, लेकिन अब वह बीजेपी की बी टीम की तरह लड़ रही हैं. उन्होंने कहा, ”हम चाहते थे कि सपा,बसपा और कांग्रेस मिल कर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े. हम तीनों साथ आ जाएं तो बीजेपी को हरा सकते हैं.”

मायावती की राहुल गांधी को नसीहत

बसपा को बीजेपी का बी टीम बताए जाने पर मायावती भड़क गईं.उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कांग्रेस पर ही बीजेपी का बी टीम होने का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में इस बार बीजेपी की बी टीम  बनकर चुनाव लड़ा. इस वजह से बीजेपी ने सत्ता वापसी की.उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को बीएसपी पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए, उनके लिए यही बेहतर होगा. 

मायावती ने कांग्रेस पर बीजेपी के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है.

मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जिन राज्यों में मजबूत है या जहां उनकी सरकारें हैं, वहां वह बीएसपी और उसके समर्थकों के द्वेष और जातिवादी रवैया अपनाती है. लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां बीएसपी से गठबंधन की वरगलाने वाली बातें करना यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है?

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बसपा और कांग्रेस की ताकत

बसपा और कांग्रेस नेताओं की यह लड़ाई उत्तर प्रदेश से शुरू हुई है. यह वह प्रदेश जहां दोनों कभी बड़ी राजनीतिक ताकत हुआ करती थीं. लेकिन इन दिनों दोनों दलों की हालत खराब है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बसपा का एक और कांग्रेस के दो विधायक हैं. दोनों दलों के वोटों में लगातार गिरवाट आई है. विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर अपनी हालत में सुधार किया है. आज उत्तर प्रदेश से उसके छह सांसद हैं. जहां 2019 के चुनाव में उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन कई तरह के प्रयोग करने के बाद भी बसपा की हालत में सुधार नहीं हो रहा है.उत्तर प्रदेश के विधानसभा में बसपा का केवल एक सदस्य है तो लोकसभा में उसका खाता तक नहीं खुल पाया था. वहीं राज्य सभा में उसका केवल एक सदस्य है. अभी जो हालत है, उसमें अब वह राज्य सभा में अपना कोई भी सदस्य नहीं भेज पाएगी. हालत यह तक हो गई है कि बसपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी खतरे में है.

राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में छात्रों के साथ संवाद किया.

राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में छात्रों के साथ संवाद किया.

ऐसा भी नहीं है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा की हमेशा से दुश्मनी ही रही है. दोनों ने 1996 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. उस  चुनाव में कांग्रेस ने 126 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा ने 296 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसे 67 सीटों पर जीत मिली थी. उसके बाद कई बार दोनों दलों में समझौते की कोशिश हुई. लेकिन परिणाम नहीं निकल सका. राहुल गांधी जिस गठबंधन की बात कर रहे हैं, वह 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर था. ऐसी खबरें थी कि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल होगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे में भी देरी की. लेकिन बसपा इस गठबंधन में शामिल नहीं हुई. इसके बाद भी सपा-कांग्रेस का गठबंधन बीजेपी को 43 सीटों पर हराने में कामयाब रहा. अब 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर गठबंधन पर राजनीति शुरू हो गई है.इसका परिणाम क्या होगा, इसका परिणाम जानने के लिए हमें इंतजार करना होगा. 

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