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देश

राजस्थान में कांग्रेस क्यों गर्म? विधानसभा घेराव की तैयारी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी हो सकते हैं शामिल


जयपुर:

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल का धरना जारी है. शनिवार शाम संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के साथ नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की बैठक हुई. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से संदेश दिया गया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और निलंबित विधायक आसन की तरफ बढ़ने की हरकत के लिए माफी मांगें तभी सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगी. कांग्रेस ने इस शर्त को ठुकरा दिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा ने स्पष्ट कर दिया कि पहले मंत्री अविनाश गहलोत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगे, उसके बाद ही कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करेगी. इस तनातनी के चलते सदन में गतिरोध बरकरार है. 

प्रशासन हो गया है सतर्क

दूसरी ओर कांग्रेस ने सोमवार को विधानसभा के घेराव की रणनीति बनाई है. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को सुबह 11 बजे विधानसभा में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट और मध्य प्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी सहित कई बड़े नेता सोमवार को विधानसभा पहुंच सकते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जयपुर में विधानसभा के घेराव के लिए बुलाया गया है, जिससे सोमवार को माहौल और गरमा सकता है. पुलिस और प्रशासन भी किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हो गया है.

कांग्रेस ने क्या कहा

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि तीन मंत्रियों ने शुक्रवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों से बातचीत की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही और धरना जारी रहा. जूली ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि मंत्री को अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए. ऐसे उदाहरण हैं, जब सदन की कार्यवाही से शब्दों को हटाया गया है, लेकिन सरकार खुद सदन चलाना नहीं चाहती और इसलिए इसे मुद्दा बनाया गया है.” उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छह विधायकों को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से पार्टी विधायक सदन में धरना दे रहे हैं.

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मामला क्या है

राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में एक ‘‘अनुचित” शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ था. प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था.” इसके बाद हुए हंगामे और कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. सदन में ‘‘अशोभनीय एवं निंदनीय आचरण” करने के लिए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के छह विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव शाम को पारित किया गया.

फिर कांग्रेस भड़क गई

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग द्वारा रखे गए इस आशय के प्रस्ताव के पारित होने की घोषणा की. इसके बाद सदन की कार्यवाही 24 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई और कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए. वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मुद्दे को लेकर शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि मंत्री द्वारा ‘भारत रत्न’ इंदिरा गांधी का नाम लेकर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के विरोध में व छह विधायकों के विधानसभा से निलंबन के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर जिला कांग्रेस कमेटियों द्वारा विरोध-प्रदर्शन किये गए.

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