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अरविंद केजरीवाल ने क्यों सौंपी आतिशी को दिल्ली की कमान?


नई दिल्ली:

अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में जमानत दी गई थी. इसके बाद उन्होंने शनिवार को एक संबोधन के दौरान सीएम पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली की जनता के लिए अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार हैं और अब दोबारा तभी सीएम बनेंगे अगर दिल्ली की जनता उन्हें खुद वोट देकर वहां पहुंचाएगी. इसके बाद मंगलवार को पार्टी की मीटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी भरोसेमंद मंत्री आतिशी को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से मान लिया है. माना जाता है कि अरविंद केजरीवाल आतिशी पर बहुत भरोसा करते हैं. 

आतिशी पर केजरीवाल को है भरोसा

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने लगातार आतिशी पर भरोसा जताया है. दिल्ली शराब नीति मामले में जेल जाने से पहले भी केजरीवाल ने एक तरह से सरकार की कमान आतिशी को ही सौंपी थी. मनीष सिसोदिया के साथ आतिशी को दिल्ली सरकार के सबसे पावरफुल मंत्रियों में गिना जाता रहा है. मनीष सिसोदिया जब उप-मुख्यमंत्री थे तब वह 18 विभाग संभाल रहे थे. केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को केजरीवाल की तरफ से 14 विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी.

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी

यहां आपको यह भी बता दें कि आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी और इतिहास के पन्नों में उनका नाम दर्ज होने जा रहा है. हालांकि, इस मौके पर वह बिल्कुल खुश नहीं हैं और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बोला कि वह सीएम केजरीवाल के इस्तीफा देने से बेहद दुखी हैं और उनका मन उदास है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और उस मुख्यमंत्री का नाम अरविंद केजरीवाल है.

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बीजेपी पर बरसीं आतिशी

बीजेपी पर बरसते हुए आतिशी ने कहा कि बीजेपी पिछले दो साल से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश रचति आ रही है. उन्होंने कहा, ‘IRS कमिश्नर की नौकरी छोड़ने और नई पार्टी बनाकर चुनाव जीतकर पद छोड़ने वाले ईमानदार आदमी पर करप्शन के झूठे केस लगाए गए. उनको छह महीने तक जेल में रख गया. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देकर केंद्र के मुंह पर तमाचा मारा है.’

2015 में शुरू हुआ था आतिशी का राजनीतिक सफर

आतिशी के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में कदम रखा था. 2015 से 2018 तक उन्होंने दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम किया था. इतना ही नहीं आतिशी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की सदस्य भी रह चुकी हैं. 2019 में आतिशी ने लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन वह इसमें गौतम गंभीर से हार गई थीं. 



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