दुनिया

जिस ऋषि सुनक पर था 'गर्व', आखिर वो क्यों उतर गए दिल से… जानें कारण

ब्रिटेन में चार जुलाई को हुए आम चुनाव की अभी तक की मतगणना में लेबर पार्टी ने बहुमत के लिए पर्याप्त सीटों पर जीत हासिल कर ली है. वहीं, निवर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करते हुए लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर को बधाई दी है. 14 सालों से सत्ता में रही कंजर्वेटिव पार्टी की ये अब तक की सबसे बुरी हार है. ब्रिटेन के ये आम चुनाव ऋषि सुनक के लिए एक अग्नि परीक्षा की तरह थे. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ब्रिटिश-भारतीय समुदाय के बीचे भारतीय मूल के ऋषि सुनक काफी प्रसिद्ध थे. लेकिन इसके बावजूद ब्रिटिश-भारतीय समुदाय ने उनका साथ नहीं दिया. आखिर क्यों ऋषि सुनक पर गर्व करने वाले ब्रिटिश-भारतीय समुदाय के लोगों ने आम चुनाव में उनकी पार्टी के लिए मतदान नहीं किया ?

आखिर क्यों सुनक की पार्टी को नहीं मिली जीत?

बदलाव के लिए मतदान

माना जा रहा है कि इस बार ब्रिटेन के लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया है. अधिकतर ब्रिटिश भारतीय वोटरों ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री चुनने की जगह बदलाव के लिए वोट डाला. कंजर्वेटिव सरकार 14 वर्षों से सत्ता में थी और इस बार लोगों ने बदलाव को चुना.

सुनक पर पड़ी महंगाई की मार

ब्रिटेन की बिगड़ती आर्थिक स्थिति भी सुनक के हार का कारण बनीं है. पीएम बनने के बाद सुनक ने वादा किया था कि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लगाएंगे और महंगाई दर को कम करेंगे. लेकिन अपने वादों को पूरा करने में सुनक विफल रहे. जिसके कारण उनकी पार्टी को देश के लोगों ने सत्ता से बाहर कर दिया.

यह भी पढ़ें :-  इजरायल के जिस दुश्मन को मोसाद ने दिया था जहर, नेतन्याहू ने उसे क्यों बचाया था? अब वह होगा हमास का चीफ

टैक्स में भी इजाफे से लोगों में गुस्सा

कंजर्वेटिव पार्टी की हार का तीसरा कारण टैक्स में बढ़ोतरी रहा. सुनक सरकार ने कई तरह के टैक्स में बढ़ोतरी की थी. जिससे जनता पर बोझ बढ़ गया और लोगों ने मौके मिलते ही कंजर्वेटिव पार्टी को सबक सीखा दिया.

Latest and Breaking News on NDTV

ब्रिटिश फ़्यूचर थिंक टैंक के निदेशक सुंदर कातवाला ने इन चुनाव में ऋषि सुनक के प्रदर्शन को लेकर कहा था कि ‘‘मुझे लगता है कि ब्रिटिश भारतीय मतदाताओं के लिए विशेष रूप से यह चुनाव बाकी मतदाताओं की तरह ही है. उनके पास सरकार बनाए रखने या हटाने का विकल्प है और कंजरवेटिव सरकार के 14 वर्षों के बाद लोगों का मूड इसे बनाए रखने की तुलना में बदलाव के लिए कहीं अधिक है.” 

सुंदर कातवाला ने ऋषि सुनक की हार होने कि स्थिति पर कहा था कि ‘‘ऋषि सुनक के लिए परिणाम बेहतर नहीं रहता है तो मुझे लगता है कि अफ़सोस और निराशा की भावना होगी क्योंकि उन्हें लेकर बहुत गर्व था… लेकिन लोग उस आधार पर अपना मतदान विकल्प नहीं चुनेंगे, और इसीलिए मुझे लगता है, अधिकतर ब्रिटिश भारतीय मतदाता ऋषि सुनक को बनाए रखने के लिए वोट करने के बजाय बदलाव के लिए मतदान करने जा रहे हैं, भले ही वे भारतीय विरासत के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होने की उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि से खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.”

सुनक ने अपनी सीट पर जीता चुनाव

ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री सुनक ने उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड एवं नॉर्थलेरटन सीट पर 23,059 वोट के अंतर के साथ दोबारा जीत हासिल की, लेकिन वह देश में 14 साल की सरकार के बाद अपनी पार्टी को दोबारा से जीत हासिल कराने में असफल रहे.

यह भी पढ़ें :-  पैड, पानी और प्राइवेसी... जंग से जूझ रहे गाजा में महिलाओं की बदतर हालत, पीरियड्स रोकने के लिए खा रहीं दवा

सुनक ने कहा, ‘‘लेबर पार्टी ने यह आम चुनाव जीत लिया है और मैंने सर कीर स्टार्मर को उनकी जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया है.” इस दौरान सुनक के साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी मौजूद थीं. सुनक ने कहा, ‘‘आज शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सत्ता परिवर्तन होगा और यह ऐसी चीज है जिससे हमें अपने देश की स्थिरता और भविष्य के प्रति विश्वास होना चाहिए.” ब्रिटेन के आम चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मतदाताओं से कहा, ‘‘मुझे माफ कर दीजिए. (भाषा इनपुट के साथ)

Video : UK General Election 2024: चुनाव में करारी हार के बाद क्या होगा Rishi Sunak का अगला प्लान ?


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button