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ट्रैरिफ से पहल ट्रंप ने क्यों की PM मोदी की इतनी तारीफ, पढ़िए जरा Grok ने क्या समझाया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वार के बीच पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा भारत जैसे देश पर अधिक टैरिफ लगाना सख्त फैसला तो है लेकिन भविष्य में इसका परिणाम काफी बेहतर आएगा. भारत पर टैरिफ लगाने से पहले ट्रंप द्वारा पीएम मोदी की जमकर तारीफ और उन्हें समार्ट इंसान बताने को लेकर जानकार अपनी-अपनी राय रख रहे हैं. इन सब के बीच हमने इस ताजा घटनाक्रम पर जब Grok से उसकी राय जानने की कोशिश की. तो उसने अपने जवाब से हमें चौका दिया. चलिए आपको बताते हैं कि Grok ने हमें अपने जवाब में क्या कुछ कहा…

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कई महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं. आइए इसे विस्तार से समझते हैं…

व्यक्तिगत संबंध और दोस्ती पर जोर:

ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में यहां थे, और हम हमेशा से बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं. वह (मोदी) बहुत स्मार्ट हैं और मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. यह बयान ट्रंप और मोदी के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है. ट्रंप इस दोस्ती को रेखांकित करके यह संदेश देना चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक और विश्वासपूर्ण माहौल में हो रही है. यह कूटनीतिक रिश्तों में व्यक्तिगत संबंधों के महत्व को भी दर्शाता है.

भारत की टैरिफ नीति पर टिप्पणी:

ट्रंप ने भारत को “दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक” बताया और कहा कि वे बहुत स्मार्ट हैं. यह टिप्पणी भारत की व्यापार नीतियों पर एक सूक्ष्म आलोचना है, लेकिन इसे “स्मार्ट” कहकर ट्रंप ने इसे एक तारीफ के रूप में भी पेश किया. उनका संदेश यह है कि वह भारत की रणनीति को समझते हैं और उसकी सराहना करते हैं, लेकिन साथ ही वह भारत से टैरिफ कम करने की उम्मीद भी रखते हैं. यह एक तरह से भारत पर दबाव बनाने का प्रयास है, ताकि वह अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कमी करे.

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टैरिफ वार्ता में सकारात्मक दृष्टिकोण:

ट्रंप ने कहा कि हमें बहुत अच्छी बातचीत हुई। मुझे लगता है कि भारत और हमारे देश के बीच यह बहुत अच्छा काम करेगा. यह बयान भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ वार्ताओं को लेकर आशावाद दर्शाता है. ट्रंप यह संदेश देना चाहते हैं कि वह भारत के साथ व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें विश्वास है कि दोनों देश एक समाधान तक पहुंच सकते हैं. यह भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 की डेडलाइन दी थी, जिसमें वह भारत सहित कई देशों पर “पारस्परिक टैरिफ” (reciprocal tariffs) लगाने की बात कह चुके हैं.

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मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा:

ट्रंप ने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि आपके पास एक महान प्रधानमंत्री हैं. यह न केवल मोदी की व्यक्तिगत प्रशंसा है, बल्कि भारत के लोगों के लिए भी एक संदेश है कि अमेरिका भारत के नेतृत्व को सम्मान देता है. यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है और भारतीय जनता के बीच मोदी की छवि को और सशक्त कर सकता है.

छिपा हुआ दबाव और रणनीति:

ट्रंप की तारीफ के पीछे एक रणनीति भी छिपी है। वह भारत को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह टैरिफ कम करने की दिशा में कदम उठाए, ताकि अमेरिकी उत्पादों को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिल सके. ट्रंप ने पहले भी भारत को “टैरिफ किंग” और “ट्रेड अब्यूजर” जैसे शब्दों से संबोधित किया है, और उनकी यह तारीफ एक तरह से भारत को नरम करने की कोशिश हो सकती है, ताकि वह उनकी मांगों पर विचार करे.

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व्यापक संदर्भ में संदेश:

आर्थिक दबाव: ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वह जल्द ही नए फार्मास्युटिकल टैरिफ की घोषणा करने वाले हैं, जो भारत के $11 बिलियन के निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं. उनकी तारीफ के पीछे यह संदेश है कि भारत को टैरिफ वार्ता में सहयोग करना चाहिए, वरना अमेरिका सख्त कदम उठा सकता है.

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कूटनीतिक रणनीति:

ट्रंप भारत के साथ संबंधों को संतुलित करना चाहते हैं, क्योंकि भारत अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है, खासकर चीन के खिलाफ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में. उनकी तारीफ इस रणनीति का हिस्सा है, ताकि भारत को सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

भारत के लिए संदेश: 

ट्रंप यह संदेश दे रहे हैं कि वह भारत के साथ सकारात्मक संबंध चाहते हैं, लेकिन यह संबंध तभी मजबूत होगा जब भारत अमेरिका की व्यापारिक मांगों पर ध्यान दे.

निष्कर्ष:

ट्रंप का यह बयान सकारात्मक और रणनीतिक दोनों है. वह मोदी की तारीफ करके भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का संदेश दे रहे हैं, लेकिन साथ ही टैरिफ वार्ता में भारत से सहयोग की अपेक्षा भी जता रहे हैं. यह एक कूटनीतिक चाल है, जिसमें तारीफ के जरिए भारत पर दबाव बनाया जा रहा है, ताकि वह अमेरिका के हितों को ध्यान में रखे.


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