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1991 के बजट को खरगे आज क्यों कर रहे हैं याद? वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने किया था पेश


नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी 1991 के उदारीकरण बजट की अभूतपूर्व उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस करती है और उन्होंने जोर देकर कहा कि सार्थक और मजबूत दूसरी पीढ़ी के सुधारों की एक बार फिर से सख्त जरूरत है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात 

एक्स पर एक पोस्ट में, खरगे ने कहा कि जुलाई 1991 भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में उदारीकरण बजट ने आर्थिक सुधारों के एक नए युग की शुरुआत की थी.

उन्होंने कहा कि इस दूरदर्शी कदम ने देश में क्रांति ला दी, मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया और लाखों लोगों को गरीबी और हाशिए से ऊपर उठाया. खरगे ने कहा, “कांग्रेस पार्टी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस करती है, जिसने भारत के विकास को गति दी और प्रगति और समृद्धि को प्रेरित करना जारी रखा.”

उन्होंने कहा, “आज, एक बार फिर, सार्थक, मजबूत दूसरी पीढ़ी के सुधारों की सख्त जरूरत है, जो मध्यम वर्ग और वंचितों दोनों की मदद करें.” 

जयराम रमेश ने भी 1991 के बजट को किया याद

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वहीं जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “33 साल पहले आज ही के दिन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपना पहला बजट पेश किया था, जिसने भारत को एक नई दुनिया में पहुंचा दिया. आज, 33 साल पहले, वह दिन भी था जब नई औद्योगिक नीति का अनावरण किया गया था, जिसने परिवर्तन के साथ निरंतरता पर आधारित भारत के आर्थिक परिवर्तन को प्रेरित किया था. मैंने 24 जुलाई 1991 की घटनाओं और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में टू द ब्रिंक एंड बैक: इंडियाज 1991 स्टोरी में लिखा है”.

युगांतरी बजट से जाना जाता है 1991 का बजट

तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में इस बजट को पेश किया था. इस बजट में विदेशी कंपनियों को देश में अपना व्यापार जमाने के लिए एंट्री की इजाजत दी गई थी और साथ ही कई नियमों में बदलाव भी किया गया था. 1991 को ऐतिहासिक बजट वाला साल भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बजट से देश की इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार को तेज करने का काम किया गया था. मनमोहन सिंह ने इस बजट में लाइसेंसी राज को खत्म किया था और आर्थिक उदारीकरण के युद की शुरुआत की थी. 



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