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आस्था के महापर्व पर सियासत बेचैन क्यों? अखिलेश यादव के सवालों पर The Hindkeshariने बताई सच्चाई


नई दिल्ली/प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था के महापर्व महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है. 13 से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले 2025 में देश-विदेश से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. पहले दो दिन के अंदर करीब 4 करोड़ लोग अमृत स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज का महाकुंभ राष्ट्रीय पर्व की तरह नजर आ रहा है. विदेशी मीडिया में महाकुंभ की तस्वीरें और खबरें छाई हुई हैं. एक ओर आस्था के इस महापर्व के मैनेजमेंट को लेकर दुनिया में भारत और यूपी सरकार की तारीफ हो रही है. दूसरी ओर इस महाकुंभ को लेकर कुछ दलों ने राजनीति भी शुरू कर दी है. महाकुंभ में आयोजन को लेकर समाजवादी पार्टी ने खामियां गिनाई हैं. BJP ने काउंटर किया है. वहीं, बदइंतजामी के आरोपों के बीच The Hindkeshariने सच्चाई भी दिखा दी है.

एक तरफ आस्था और भक्ति का सैलाब है. दूसरी ओर सियासी थपेड़े हैं. महाकुंभ में आने वाली इतनी भीड़ और उनके लिए सिर्फ 4 हजार हेक्टेयर का मेलाक्षेत्र. इस तरह का इंतजाम कोई दैवी चमत्कार नहीं, बल्कि जोरदार तैयारी, सूझबूझ और दूरदर्शिता का नतीजा है. विदेशी मीडिया ने महाकुंभ के आयोजन और मैनेजमेंट की तारीफें की हैं. दूसरी ओर यूपी में विपक्षी समाजवादी पार्टी महाकुंभ के आयोजन को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ महिलाओं के बयान पोस्ट किए और योगी सरकार पर निशाना साध दिया.

यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने और खाने के पर्याप्त इंतजाम की अपील की है. अखिलेश ने दो वीडियो शेयर किए हैं. पहले वीडियो में कुछ श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे कंबल ढककर लेटे हुए हैं. इनमें से एक महिला श्रद्धालु कहती हैं, “हम बड़े दूर से आए हैं. हम यही कहना चाहते हैं कि हमारे लिए कम से कम सर्दी में कोई तो इंतजाम होना चाहिए, ताकि हवा न लगे. ठंड कम लगे. हम हरियाणा से आए हैं, लेकिन महाकुंभ में हम जैसों के लिए कोई इंतजाम नहीं है. हम अपने साथ कंबल लेकर आए हैं. इस ठंड में हमारी सुरक्षा सिर्फ कंबल है.”

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एक दूसरे वीडियो में एक बुजुर्ग अपने अंदाज में पीने के पानी को लेकर योगी सरकार से शिकायत कर रहे हैं. बुजुर्ग कहते हैं, “मैं कल्पवासी. यहां पीने के लिए पानी की पाइप तक नहीं लगी. योगी बाबा ने ये कैसा कुंभ लगाया…”

अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार को कम से कम रहने और खाने-पीने का अच्छा इंतजाम करना चाहिए. भले ही सपा मुखिया ने इंतजाम को लेकर शिकायत की हो, लेकिन सच तो ये है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम किए गए हैं.

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए किए गए ये इंतजाम
-मेले में 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है. 
-इनमें फ्री और पेड दोनों तरह की व्यवस्थाएं हैं. 
-पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में 1 लाख सामान्य टेंट लगाए गए हैं. 
-महाकुंभ में 2 हजार लग्जरी टेंट लगाए गए हैं. 
-स्वयंसेवी संस्थाओं के करीब 40 हजार टेंट हैं. 
-मेला क्षेत्र में 250 बेड वाले 100 आश्रयस्थली बनाए गए हैं. 
-इसके साथ ही 9 रेलवे स्टेशन के पास 1 लाख श्रद्धालु रुक सकते हैं.
-संगम के आसपास 3 हजार बेड के रैन बसेरा बनाए गए हैं. 
-पूरे जिले में 204 गेस्ट हाउस हैं, 90 धर्मशाला हैं. 

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भंडारे और लंगर भी चल रहे
महाकुंभ में प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ रहने का इंतजाम ही नहीं किया, बल्कि उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की है. महाकुंभ के दौरान हर रोज सारे अखाड़े, आश्रमों और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से लंगर चलाए जाते हैं. भंडारे लगाए जाते हैं. खाना कब और कहां मिलेगा, इसकी जानकारी देने के लिए सूचना केंद्र बनाए गए हैं. जो श्रद्धालु स्मार्ट फोन चलाना जानते हैं, उनके लिए ऐप हैं. इस ऐप में महाकुंभ से जुड़ी सारी जानकारियां, हेल्प लाइन नंबर, शाही स्नान की डेट, भंडारे की जगह की जानकारी दी गई है. 

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लॉस्ट एंड फाउंड काउंटर भी
महाकुंभ मेले में खोया-पाया काउंटर भी बनाया गया है. प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने आए श्रद्धालुओं की मदद के लिए बनाए गए भूला भटका शिविर से कई लोगों को मदद भी मिली है. पौष पूर्णिमा के स्नान पर जुटी भीड़ के दौरान परिवार से बिछड़ने वाले लोगों के लिए ये शिविर मददगार साबित होते रहे. इसके लिए डिजिटल और सोशल मीडिया टूल्स की मदद भी ली जा रही है.

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सवाल ये है कि इतने बड़े पैमाने पर महाकुंभ का आयोजन देश के लिए गर्व की बात है, तो इसपर आखिर राजनीति क्यों की जा रही है? आस्था को पाप से जोड़ना कहां तक ठीक है? क्या विपक्ष का काम सिर्फ विरोध के लिए ही विरोध करना है? इन सवालों का जवाब जानने के लिए The Hindkeshariने समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी समेत कुछ धर्मगुरुओं से बात की.

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अपनी बात रखना विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी- अनुराग भदौरिया (SP)
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, “BJP की आदत हर बात का बतंगड़ बनाने को हो गई है. उसके पास कोई काम नहीं है. सबके लिए महाकुंभ आस्था का विषय है, लेकिन इनके लिए ये राजनीति का विषय हो गया है. ये हर चीज में राजनीति खोजते हैं. ये अच्छी बात है कि अखिलेश यादव की चिंता BJP के कुछ लोग बहुत करते हैं. पत्रकार लोग भी करते हैं. अगर अखिलेश यादव ने कोई बात की है, और उसपर चर्चा हो रही है… तो मतलब साफ है कि अखिलेश की कही बातों में कोई तो बात है. विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी बात रखें. हमने बस इतना कहा है कि महाकुंभ में अगर कोई श्रद्धालु आता है और उसे कोई दिक्कत आ रही है, तो उसका समाधान किया जाए. न कि इसपर राजनीति की जाए. हमें उम्मीद है कि सरकार भी अपनी जिम्मेदारी निभाएगी.”

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The Hindkeshariके रिपोर्टर ने बताई सच्चाई
वहीं, ग्राउंड पर मौजूद The Hindkeshariके रिपोर्टर रणवीर सिंह ने बताया कि जब ऐसे बड़े आयोजन में इतनी तादाद में लोग एक दिन में एक जगह पर होंगे, तो आप चाहे कितने भी इंतजाम कर लें… कुछ लोगों को कुछ न कुछ दिक्कतें जरूर होंगी. इसमें कोई शक नहीं है. इन दिक्कतों की कुछ व्यावहारिक वजहें भी हैं. सरकार ने ब्रिज के उसपार रहने की व्यवस्था की है. लेकिन लोग चाहते हैं कि अगर अगले दिन कोई बड़ा स्नान है, तो वो संगम से दूर न रहे. ताकि सुबह-सुबह स्नान पूरा कर लें. इसी वजह से ये लोग वहां नहीं जाना चाहते, जहां सरकार ने उनके लिए इंतजाम कर रखे हैं. ऐसे कुछ मामले होते हैं, जिनकी तस्वीरें दिखाई जाती हैं.”

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BJP बोली- नेगेटिविटी से दूर रहें
BJP प्रवक्ता अजय आलोक बताते हैं, “शुभ काम मे विघ्न डालने वाले तमाम लोग होंगे ही. करीब साढ़े 3 करोड़ लोगों ने पहला अमृत स्नान किया. महाकुंभ इतनी आस्था का विषय है. लेकिन इसमें विघ्न डालने वाले नेगेटिव माइंडसेट वालों की बातों को तवज्जो नहीं देना चाहिए.”

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भारत में सिर्फ 4 जगहों पर होता है महाकुंभ का आयोजन
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. ये हर 13 साल बाद आयोजित होता है. भारत में सिर्फ 4 जगहों पर महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. ये जगहें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक. प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 26 फरवरी तक होगा. 

किस-किस दिन अमृत स्नान?
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान होगा. 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा अमृत स्नान किया जाएगा. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर चौथा अमृत स्नान होना है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर आखिरी अमृत स्नान होगा.

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