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अमेरिका के साथ संबंध सुधारने की इच्छा कायम : पुतिन का बयान क्यों है अहम?


मास्को:

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि रूस की अमेरिका के साथ अपने संबंध सुधारने की इच्छा अभी खत्म नहीं हुई है. यह बयान खासा चौंकाने वाला है क्योंकि पिछले हफ्ते मॉक्को ने अपने नागरिकों को अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की यात्रा न करने की चेतावनी दी थी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुतिन ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा, “अगर इच्छा हो तो सब कुछ किया जा सकता है. हमारी यह इच्छा (अमेरिका से संबंध सुधारने की) अभी खत्म नहीं हुई है.”

रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक पुतिन से रूस और अमेरिका के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की संभावना के बारे में सवाल पूछा गया था.

पुतिन ने कहा कि रूस अन्य देशों के साथ संबंध बनाने के लिए तैयार है, बशर्ते कि ऐसी कोशिशों की वजह से रूसी हितों से समझौता न हो. उन्होंने कहा, “अगर हम किसी के साथ संबंध बनाते हैं, तो हम ऐसा केवल रूसी राज्य के हितों के आधार पर ऐसा करेंगे.”

पुतिन ने 19वीं और 20वीं सदी का उदाहरण दिया और याद दिलाया कि 1853-1856 के क्रीमिया युद्ध के बाद, जब रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए थे, तब रूसी साम्राज्य के तत्कालीन विदेश मंत्री अलेक्जेंडर गोरचकोव ने एक पत्र भेजा था, जिसमें लिखा था, “रूस नाराज नहीं है. रूस ध्यान केंद्रित कर रहा है.”

पुतिन ने कहा, “धीरे-धीरे, जैसे-जैसे रूस ध्यान केंद्रित करता गया, उसे काले सागर में अपने सभी अधिकार वापस मिल गए, और वह मजबूत होता गया.”

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते रूस ने अपने नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की यात्रा न करें. उनका दावा है कि उन देशों के अधिकारी रूसी नागिरकों पर ‘नजर रख सकते हैं.’

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विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा के हवाले से आउटलेट ने बताया कि ‘अमेरिका-रूस संबंध टूटने के कगार पर हैं.’


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