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देश

बिहार में नीतीश कुमार पर 'फायर' क्यों हैं राबड़ी देवी, कैसे रहे हैं दोनों नेताओं के रिश्ते


नई दिल्ली:

बिहार विधान परिषद में पिछले दिनों राजद की राबड़ी देवी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जमकर शब्दबाण चले. महिलाओं पर चर्चा के दौरान नीतीश ने राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए कहा था,”इसके पति जब डूब गए तब अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया.” मुख्यमंत्री के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों ने हंगामा किया था. उन्होंने नीतीश के बयान को महिलाओं का अपमान बताया था. राबड़ी देवी ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार भांग पीकर सदन में आते हैं और महिलाओं का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरा अपमान महिलाओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि यह काम नीतीश कुमार से करवाया जा रहा है. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के कुछ नेताओं का नाम लिया. ऐसा पहली बार नहीं है कि नीतीश कुमार और राबड़ी देवी आमने-सामने हुए हों. इससे पहले भी दोनों नेता कुछ मौकों पर शब्द युद्ध लड़ चुके हैं और कई मौकों पर राबड़ी नीतीश का बचाव करती हुई भी नजर आई हैं. 

राबड़ी देवी पहली बार 1997 में उस समय मुख्यमंत्री बनी थीं, जब उनके पति और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था. इसके बाद लालू यादव को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनी थीं.  

लालू नीतीश की दोस्ती का सफर

लालू और नीतीश की दोस्ती 1070 के दशक की है. दोनों एक ही दल में रहे. लेकिन जनता दल के छिन्न-भिन्न होने के बाद नीतीश ने समता पार्टी बनाकर अपनी अलग राह चुनी तो लालू ने 1997 में राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया. लेकिन आज भी बिहार की राजनीति इन्हीं दो नेताओं के ईर्द-गिर्द घूमती है.कहा जाता है कि नीतीश और लालू का रिश्ता तेल और पानी की तरह है, जो साथ तो रहते हैं लेकिन मिलते नहीं हैं. कुछ ऐसा संयोग बना की ये दोनों नेता 2015 में साथ आए थे. उस साल लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार के जेडीयू ने मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते भी. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. लेकिन 2017 में नीतीश ने लालू का साथ एक बार फिर छोड़ दिया और बीजेपी के साथ चले गए. दोनों 2022 में फिर साथ आए लेकिन जनवरी 2024 में एक बार फिर अपनी राहें जुदा कर ली थीं. 

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नीतीश के बयान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी उन पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने कहा,”यह मुख्यमंत्री की दयनीय मानसिक स्थिति को दर्शाता है, जो स्पष्ट रूप से राज्य चलाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.” उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि राबड़ी देवी उनसे बड़ी हैं. वह अविभाजित बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. उन्होंने यहां तक भी कहा ​​कि रिश्ते के संदर्भ में भी वह (राबड़ी देवी) उनसे वरिष्ठ हैं. यहां तेजस्वी का इशारा कुमार द्वारा लालू प्रसाद को अक्सर ‘बड़ा भाई’ कहने की ओर था. राजनीति से बाहर की दुनिया में देवर-भाभी का रिश्ता रखने वाले नीतीश और राबड़ी विधान परिषद में कुछ समय के लिए कट्टर राजनीतिक दुश्मन नजर आने लगे थे.

लालू पर नीतीश का हमला

लालू यादव और राबड़ी देवी बिहार के वरिष्ठ नेता हैं. दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं. दोनों की नीतीश कुमार से राजनीतिक अदावत रही है. यह कभी कभी जुबान पर भी आ जाती है. लेकिन निजी रिश्ते पर यह कभी नहीं नजर आता है. दोनों एक दूसरे की इज्जत करते रहे हैं और रिश्ते निभाते रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों तरफ से आए बयान रिश्तों में आई तल्खी को बयान कर रहे हैं. राबड़ी देवी पर की गई टिप्पणी से पहले नीतीश कुमार ने लालू यादव पर निशाना साधा था. विधानसभा में बहस के दौरान चार मार्च को नीतीश कुमार ने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा, ”मैं वही हूं जिसने आपके पिता को सीएम बनाया था. यहां तक कि आपके जाति समूह के लोग भी उन्हें सीएम बनाने के खिलाफ थे. फिर भी, मैंने उनका समर्थन किया.” यहां उनका इशारा 1988 में कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद विधानसभा में लालू यादव को नेता विपक्ष बनाने में नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी की भूमिका को लेकर था. लेकिन राजद के नेता इसे पूरी तस्वीर नहीं बताते हैं. 

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जब राबड़ी देवी ने किया नीतीश का बचाव

हाल के दिनों में नीतीश और लालू यादव के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली है.नीतीश और लालू एक दूसरे हमले करते रहे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार दो बार बीजेपी का साथ छोड़कर राजद से हाथ मिला चुके हैं. इससे पहले सितंबर 2023 में भी दोनों दलों में तल्खी आई थी. उस समय तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार ने मेरी मां से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी. इस पर जेडूीयू ने सबूत की मांग की थी. इस पर राजद ने एक वीडियो जारी किया था. इसमें नीतीश कुमार राबड़ी देवी के सामने हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो आठ अगस्त 2022 का था.उस समय राजद का सदस्यता अभियान शुरू किया गया था. उसे राबड़ी के आवास 10 सर्कुलर रोड पर शूट किया गया था. 

यहीं नहीं नीतीश कुमार जब विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए महिलाओं के संदर्भ में एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर गए थे तो राबड़ी देवी ने उनका बचाव किया था. उन्होंने इसे नीतीश की जुबानी गलती बताते हुए कहा था कि जब उन्होंने अपनी बात वापस ले ली है तो उसे अब और तूल नहीं दिया जाना चाहिए. यही नहीं तेजस्वी यादव ने भी नीतीश का यह कहते हुए बचाव किया था कि नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दे रहे थे. यह बात तब कि है जब बिहार में राजद और जेडीयू मिलकर सरकार चला रहे थे. 

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