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इस्कॉन से क्यों है इतनी दिक्कत! बांग्लादेश में पहले मंदिर किया गया बंद अब फ्रीज किए गए खाते


नई दिल्ली:

बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से अल्पसंख्यक समुदाय और खास तौर पर हिंदू समुदाय को फिर से निशाना बनाया जा रहा है. पहले जहां इस्कॉन मंदिर को बंद कराया गया था वहीं अब इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज कर दिया गया है. यह जानकारी अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आई है. खास बात ये है कि जिन खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया गया है उनमें इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास का खाता भी शामिल हैं. ये कार्रवाई बांग्लादेश उच्च न्यायालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेनता सोसायटी (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका के खारिज होने के बाद की गई है.  

आपको बता दें कि समाचार पत्र प्रोथोम एलो के अनुसार बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई (बीएफआईयू) ने गुरुवार को विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ये निर्देश भेजे, जिसमें इन खातों से संबंधित सभी प्रकार के लेन-देन को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया.केंद्रीय बांग्लादेश बैंक के तहत वित्तीय खुफिया एजेंसी ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से इन 17 व्यक्तियों के स्वामित्व वाले सभी व्यवसायों से संबंधित खातों के अपडेट ट्रांजेक्शन डिटेल सहित जानकारी अगले तीन कार्य दिवसों के भीतर भेजने को कहा.

मंदिरों में की गई थी तोड़फोड़

बांग्लादेश के चट्टोग्राम में शुक्रवार को नारेबाजी कर रही भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की थी. इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद से चट्टोग्राम में विरोध प्रदर्शन जारी है. न्यूज पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ ने अपनी खबर में कहा था कि यह हमला बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ और इस दौरान शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया.

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समाचार पोर्टल ने मंदिर अधिकारियों के हवाले से बताया था कि नारेबाजी कर रहे सैकड़ों लोगों के एक समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे शनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए.’ कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा कि मंदिरों को बहुत कम नुकसान हुआ है.

कहां से शुरू हुआ मामला

‘सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास पर पिछले महीने चटगांव में भगवा झंडा फहराने के लिए देश के झंडे का कथित रूप से अपमान करने के लिए बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के सड़कों पर उतरने के बाद दास को मंगलवार को चटगांव की एक अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया. इसी समय, न्यायालय भवन में हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की मृत्यु हो गई. बांग्लादेश में कट्टरपंथी अब दास के समर्थकों को अधिवक्ता की मृत्यु के लिए दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय परिसर में उस दिन हुए उपद्रव में कोई हिंदू शामिल नहीं था.


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