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सुनीता विलियम्स असली 'मिस यूनिवर्स' क्यों हैं? स्पेस में 608 दिन गुजार बनाए यह तमाम रिकॉर्ड

सुनीता विलियम्स की ‘घरवापसी’

एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आखिरकार 9 महीने तक अंतरिक्ष में फंसे होने के बाद धरती पर आ चुकी हैं. उनके साथ बुच विल्मोर और 2 अन्य साथी अंतरिक्ष यात्री को लेकर NASA और SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट पर समंदर में गिरा. दुनिया की सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी कही जाने वाली स्पेस टेक्नोलॉजी में एक बार फिर इंसानों ने अपना परचम लहराया है. यहां सुनीता विलियम्स का जिक्र जरूरी हो जाती है, जिन्होंने इस फिल्ड में मिसाल कायम किया है, हर भारतीय और शायद राष्ट्रीयता से परे हर इंसान के लिए नजीर बनीं हैं.

हम आपकों सुनीता विलियम्स के स्पेस ट्रैवल के बारे में बताए उससे पहले संक्षेप में जान लीजिए कि वो अंतरिक्ष में कैसे फंस गई थीं. दरअसल सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, यह दोनों ही पिछले साल 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल परीक्षण उड़ान (क्रू टेस्ट फ्लाइट)  पर बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी. वैसे तो मिशन केवल 10 दिन का था लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आने की वजह से दोनों धरती पर वापस नहीं आ सके. अब 9 महीने बाद दोनों दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ धरती पर आ चुके हैं. इसके लिए नासा ने SpaceX के साथ मिलकर क्रू 10 मिशन भेजा. इसी मिशन के स्पेसक्राफ्ट डैग्रन में बैठकर चारों अंतरिक्ष यात्री धरती पर पहुंचे.

सुनीता विलियम्स नजीर क्यों हैं?

  • सुनीता विलियम्स को 1998 में NASA ने एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था. उनके पास अब कुल तीन अंतरिक्ष अभियानों, 14/15, 32/33 और 71/72 का अनुभवी है.
  • स्पेस में तीसरे सफल अभियान के साथ अब तक, सुनीता विलियम्स ने स्पेस में कुल 608 दिन बिताए हैं.
  • एक महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा नौ स्पेसवॉक में 62 घंटे लगाकर सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड सुनीता विलियम्स के पास है.
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