बजट में फ्यूल टैक्स कटौती का जिक्र क्यों नहीं? केंद्रीय राजस्व सचिव ने बताया कारण

प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली :
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा नहीं की. सरकार के इस कदम को लेकर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने The Hindkeshariको बताया कि जब तेल की कीमतें ऊंची थीं तब पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी. अब जब अंततराष्ट्रीय बाजार में कीमतें स्थिर हो गई हैं तो फ्यूल टैक्स में कोई और कटौती की जाने की संभावना नहीं है.
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छोटे करदाताओं को राहत, ऑनलाइन गेमिंग पर कर से जीएसटी संग्रह और पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के बारे में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा से The Hindkeshariने बात की.
केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि, ”हम 31 मार्च, 2024 तक एक करोड़ 11 लाख छोटे करदाताओं की विवादित टैक्स डिमांड्स को वापस लेंगे. साल 2009-10 के दौरान 25000 रुपये तक के छोटे करदाताओं की विवादित टैक्स डिमांड को टैक्स विभाग खत्म करेगा.”
उन्होंने बताया कि, ”वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 के बीच छोटे करदाताओं की 10000 रुपये तक की विवादित टैक्स डिमांड को वापस लिया जाएगा. इसमें छोटे करदाताओं को कोई आवेदन नहीं करना होगा. कर विभाग खुद ही इन विवादित टैक्स डिमांड्स को वापस लेगा.”
संजय मल्होत्रा ने कहा कि, ”ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने से जीएसटी कलेक्शन में 475 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऑनलाइन गेमिंग पर हम एक अक्टूबर, 2023 से 28 फीसदी जीएसटी लगा रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि, ”ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी की नई दर लगाने के बाद पिछले तीन महीनों में कुल 3570 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है. जबकि जीएसटी लगने से पहले के तीन महीने में 604 से 605 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था.”
रेवेन्यू सेक्रेट्री ने कहा कि, ”हमारा अनुमान है कि पूरे वर्ष में ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी 28 प्रतिशत लगाने से हम 10,000 से 12,000 करोड़ तक का राजस्व एकत्रित करेंगे. अगले दो से तीन साल में प्रति महीने जीएसटी का कलेक्शन बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.”
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना पर मल्होत्रा ने कहा कि, ”हमारा एक्साइज ड्यूटी से कलेक्शन कम हुआ है. हमने पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी ऐसे समय पर घटाई थी जब क्रूड और पेट्रोलियम पदार्थों के दाम 100 से 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे. उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में नरमी आई है. इसको देखते हुए इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं है कि एक्साइज ड्यूटी में कोई और बदलाव किया जाए.”