आखिर क्यों हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या, 77 दिन बाद भी क्राइम ब्रांच नहीं ढूंढ़ पाई वजह
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को लेकर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में क्राइम ब्रांच
मुंबई:
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन इस मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ये हत्या क्यों की गई इसे लेकर अभी तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है. सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच अब इस मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. इस मामले की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने 26 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. क्राइम ब्रांच अपनी चार्जशीट में तीन आरोपियों को फरार बताने की तैयारी में है. इन आरोपियों में लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई भी शामिल है.
क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस के हाथ ऐसे कोई ठोस सबूत लगे ही नहीं हैं जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि इस वहज से ही बाबा सिद्दीकी की हत्या की गई. हालांकि, मुंबई क्राइम ब्रांच ने SRA डिस्प्यूट एंगल की भी जांच की पर पुलिस के हाथ ऐसा कुछ नही लगा जो इस ओर इशारा करे कि हत्या की वजह SRA प्रोजेक्ट रही होगी. ठोस सबूतों के आभाव क्राइम ब्रांच अभी तक ये मानकर चल रही है कि सिद्दीकी बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के करीबी थे, इसलिए भी उनकी हत्या की गई होगी. मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्र के अनुसार मामले में जितनी भी गिरफ्तारियां हुई हैं, वो सभी एक्जीक्यूशन लेवल पर जुड़े आरोपी हैं, जिन्हें यह नही पता कि क्यों मारा जा रहा है उन्होंने इस हत्या को अंजाम सिर्फ उन्हें मिले टास्क की वजह से किया.
क्राइम ब्रांच ने हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए पैसों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार, आरोपी सलमान वोहरा के नाम से गुजरात में कर्नाटक बैंक की आनंद शाखा में बैंक खाता खोला गया था. जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग और शुभम लोनकर द्वारा एक परिष्कृत कार्यप्रणाली करके पैसे जमा किए जाते थे.
बैंक अकाउंटस में कैसे जमा किए गए पैसे
बैंक खाते में पैसा जमा करने के लिए कैश डिपोजिट मशीनों का उपयोग करके विभिन्न स्थानों से खाते में धन जमा किया गया था. क्राइम ब्रांच सूत्रो के अनुसार देश भर के विभिन्न राज्यों से वोहरा के खाते में ₹6 लाख जमा किए गए थे. लॉरेंस गैंग और शुभम लोनकर द्वारा अपनाई गई रणनीति इतनी सावधानी से बनाई गई थी कि क्राइम ब्रांच अभी तक सभी उन व्यक्तियों की पहचान नहीं कर पाई. जिन्होंने शुभम के निर्देशों के तहत कई स्थानों से धन जमा किया था.