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IIT बाबा को आखिर जूना अखाड़े से क्यों 'निकाला' गया…पढ़िए क्या है पीछे की पूरी कहानी 

The Hindkeshariसे क्या कुछ बोले थे IIT बाबा

कुछ दिन पहले ही The Hindkeshariने उनसे बात की थी. उस दौरान उन्होंने कहा था कि मेरे माता-पिता झगड़ते थे, मैं ट्रॉमा में था. अभय से जब सवाल किया गया कि क्या उनका घर बसाने का मन नहीं करता है, तो वह थोड़ा खुलते हुए अपनी मेंटल हेल्थ की समस्या के बारे में बताने लगते हैं. अभय ने बताया कि बचपन में कैसे वह घरेलू हिंसा के इतने भयानक दौर से गुजरे हैं कि इसका असर उनके जीवन पर पड़ा. अभय ने बताया था कि मैंने ‘वही सवाल’ करके फिल्म बनाई. बचपन में घरेलू हिंसा की सिचुएशन थी.’ अभय कहते हैं कि मां-बाप को यह यह सोचना चाहिए कि घरेलू हिंसा का बच्चे पर क्या असर पड़ता है. अभय के मुताबिक उसके साथ तो हिंसा नहीं हुई, लेकिन मां-बाप आपस में झगड़ते थे.

‘मैं स्कूल से आने पर सोता और रात में पढ़ता था’ 

इसके बाद भी आईआईटी कैसे निकाल लिया? इस सवाल पर अभय अपने स्कूली दिनों को याद करते हैं. वह कहते हैं, ‘मैंने साधना की. मैं सोचता था कि मोहमाया में न ही पड़ूं. मैं स्कूल से आने के बाद दिन में सो जाता था. उसके बाद रात 12 बजे उठता था. जब कोई लड़ाई करने वाला नहीं होता था तो मैं पढ़ता. लेकिन मेरे जीवन में यह दर्द इकट्ठा होता चला गया. एक बच्चे के तौर पर आप हेल्पलेस हो जाते हो. आपको पता ही नहीं होता है कि कैसे रिएक्ट किया जाए.तब एक बच्चे की न तो समझ डिवेलप हुई होती है. उसे कुछ समझ नहीं आता कि कैसे रिएक्ट किया जाए’ 

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