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2-2 पर्चे क्यों भरे थे… नवाब मलिक ने बताया टिकट पर क्या था कंफ्यूजन; फिर कैसे हुआ दूर


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2024) के लिए NCP नेता नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस तो खत्म हो गया, लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अजित पवार ने BJP के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को मानखुर्द सीट से टिकट दे दिया. मंगलवार को नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने से ऐन वक्त पहले मलिक ने मानखुर्द सीट से पर्चा दाखिल किया. इससे पहले उन्होंने निर्दलीय के तौर पर 2 नामांकन किया था. अब नवाब मलिक ने बताया है कि आखिर उनके टिकट को लेकर महायुति (BJP, अजित पवार की NCP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का गठबंधन) में आखिर क्या कंफ्यूजन था.

The Hindkeshariके साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नवाब मलिक ने कहा, “वैसे तो टिकट को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं था. मुझे चुनाव में नामांकन करने का पूरा अधिकार है. पार्टी की तरफ से Aर B फॉर्म मेरे पास वक्त रहते पहुंचा नहीं था. इसलिए मैंने 2 नामांकन निर्दलीय के तौर पर किया था. दो पर्चा NCP की तरफ से भी भरा था. ताकि अगर NCP का पर्चा खारिज होता है, तो मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकूं.”

नवाब मलिक ने बताया कि किसी भी प्रत्याशी को 4 फार्म भरने का अधिकार है. 2 पार्टी के नाम से और 2 निर्दलीय मैंने पर्चा भरा है और मैं एनसीपी का अधिकृत उम्मीदवार हूं. गठबंधन में सीट पर जब चर्चा हुई थी तो यह सीट हमारी पार्टी को मिली थी. सीट छोड़ने के बाद दूसरे दल के लोग डिक्टेट नहीं कर सकते. चाहे वो शिवसेना हो या भाजपा. शिवाजीनगर मानखुर्द सीट से अबू आजमी के सामने नवाब मलिक चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं उनकी बेटी सना मलिक अणुशक्तिनगर से एनसीपी उम्मीदवार हैं. दोनों सीट से शिवसेना ने भी उम्मीदवार बनाए हैं. सना के खिलाफ शिवसेना के अविनाश राणे उम्मीदवार हैं. नवाब मलिक ने कहा कि बेटी की सीट पर भाजपा के दो लोगों ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है. ये तो अपेक्षित था और ये होना था. हमे पूरी उम्मीद थी. विपरीत परिस्थितियों में भी चुनाव निकालेंगे. 

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बेटी को क्यों चुनाव लड़वा रहे के सवाल पर नवाब मलिक ने कहा कि जब मैं मंत्री बना तो बेटी ही क्षेत्र में काम कर रही थी. फिर कोविड में कोरोना के समय लोगों की जनसमस्याओं का समाधान भी उसी के जरिए हो रहा था. लोग उसी से मिलने के लिए दफ्तर आते थे. तब ठान लिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. फिर मानखुर्द की जनता घर और दफ्तर आकर कहने लगी कि आप यहां से लड़िए. हम लोग गुंडई से त्रस्त हैं. पूरा ड्रग्स का कारोबार यहां चल रहा है. कुपोषण से लेकर एजुकेशन तक में पिछड़ा हुआ है. वर्तमान विधायक फिल्मी विलेन की तरह काम कर रहे हैं. लोग चाहते हैं कि इस हालात को खत्म किया जाए. मैंने अजित पवार जी से बात की. भले 90 हजार वोट से पिछले चुनाव में पीछे थे, लेकिन अगर आप मुझे टिकट देंगे तो मैं चुनाव लड़कर सीट निकाल लूंगा. अगर आप नहीं चाहते तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. तो उन्होंने कहा कि नहीं आपको पार्टी से लड़ना पड़ेगा. उन्होंने अपना वादा निभाया. मैं उनका आभारी हूं. शिवसेना और भाजपा के विरोध के बावजूद अजित पवार डटे रहे. शिवाजीनगर मानखुर्द से शिवसेना के सुरेश पाटिल लड़ रहे हैं.

नवाब मलिक से जब सवाल किया गया कि सरकार तो आपकी ही तो है कोई विधायक गुंडई कैसे कर रहा है तो उन्होंने कहा कि सरकार हमारी नहीं है. विधायक जी के सारे लोग कहते हैं कि हम गब्बर आजमी हैं. महिलाएं गंदगी साफ कराने आती हैं तो उनके कपड़े फाड़ दिए जाते हैं. मेरे पास इनके वीडियो हैं. लाठी लेकर मोटरसाइकिल पर जुलुस निकालते हैं, अगर किसी ने हमारी मुखालफत की तो…लाल कर देंगे. हर हफ्ते में एक कत्ल हो जा रहा है. खुलेआम लोग मार देते हैं लोगों को. लोग परेशान हैं इनसे. लोगों का विश्वास है कि मैं लड़ूगा तो चीजें बदलेंगी. इसीलिए मेरे नामांकन में गरीब से गरीब लोग आकर जुड़ गए. हालात बदलना जरूरी है. अगर कहीं नाइंसाफी है तो मैं ऐसी जगहों पर लड़ता रहूं.

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गठबंधन में फूट के सवाल पर नवाब मलिक ने कहा कि ये अपेक्षित था. ये चौंकाने वाला नहीं है. हर चुनाव में ऐसा होता रहा है. हम चुनाव जीतते रहे हैं और फिर जीतेंगे. बीजेपी वालों को मेरा प्रचार न करना पड़े इसीलिए शिंदे साहब के उम्मीदवार को खड़ा किया है. मुझपर जो आरोप लगाए जाते हैं वो गलत हैं. मनी लांड्रिंग का मामला कोर्ट में है. केस को लेकर कोई बात नहीं करेंगे. हम पूरी तरह से कोर्ट से साफ होकर निकलेंगे. मैं ठह बार मंत्री रहा, ऐसे व्यक्ति पर करप्शन का आरोप लगाना आसान होता था. अब वो नहीं हुआ तो दाऊद से नाम जोड़ा जाता है. जब-जब मुझे दबाने की कोशिश की गई मैंने वापसी की.
    

      

      

 

अबु आजमी इस सीट से तीन बार से चुनाव में जीत दर्ज कर रहे हैं. 


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