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पतपड़गंज विधानसभा सीट : सिसोदिया की विरासत क्या संभाल पाएंगे अवध ओझा?


नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) की तैयारी जारी है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. आप के उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे चौकाने वाला नाम अवध ओझा का माना जा रहा है. अवध ओझा को आप ने पार्टी में नंबर 2 माने जाने वाले मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की सीट पतपड़गंज से उम्मीदवार बनाया है. आइए जानते हैं पतपड़गंज सीट का क्या है समीकरण? 

पतपड़गंज सीट का क्या है समीकरण
पतपड़गंज सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है.आम आदमी पार्टी (AAP) ने अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है.ओझा हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं और यूट्यूबर एवं शिक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविंद्र सिंह नेगी को प्रत्याशी बनाया है. नेगी ने 2020 के चुनाव में मनीष सिसोदिया के खिलाफ कड़ी टक्कर दी थी और मात्र 3,207 वोटों के अंतर से पराजित हुए थे. कांग्रेस ने चौधरी अनिल कुमार को प्रत्याशी बनाया है. 2020 के चुनाव में, पटपड़गंज सीट से मनीष सिसोदिया ने 70,163 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी, जबकि रविंद्र सिंह नेगी को 66,956 वोट मिले थे. इस बार तीनों प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है, जिससे पटपड़गंज सीट का चुनावी समीकरण दिलचस्प हो गया है.

दिल्ली के पतपड़गंज सीट पर कब किसे मिली जीत?
पतपड़गंज सीट पर पिछले 7 विधानसभा चुनाव में से 4 बार कांग्रेस को जीत मिली थी. साल 1993 से लेकर 2008 तक लगातार 4 चुनावों में कांग्रेस के अशोक कुमार वालिया चुनाव जीतने में सफल रहे थे. 2013 से अब तक आम आदमी पार्टी का वर्चस्व इस सीट पर देखने को मिल रहा है. मनीष सिसोदिया ने तीन बार जीत दर्ज की. अब इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को मैदान में उतारा है. भारतीय जनता पार्टी को इस सीट पर कभी भी जीत नहीं मिली है. 

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साल विजेता उम्मीदवार विजेता दल उपविजेता दल
2020 मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी बीजेपी
2015 मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी बीजेपी
2013 मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी बीजेपी
2008 अशोक कुमार वालिया कांग्रेस बीजेपी
2003 अशोक कुमार वालिया कांग्रेस बीजेपी
1998 अशोक कुमार वालिया कांग्रेस बीजेपी
1993 अशोक कुमार वालिया कांग्रेस बीजेपी

क्या हैं सामाजिक समीकरण?
इस सीट पर विभिन्न सामाजिक और जातीय समूहों का प्रभाव है, जो चुनावी नतीजों में बड़ा फर्क डाल सकते हैं. पिछड़ी जाति के वोटर्स इस सीट पर काफी तदाद में हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के भी वोट यहां हैं.बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग भी इस इलाके में हैं. यह समुदाय आम आदमी पार्टी का मजबूत वोट बैंक माना जाता है. मयूर विहार फेज-1 और फेज-2,त्रिलोकपुरी और आसपास के इलाके इसके अंतर्गत आते हैं. मध्यम वर्गीय परिवारों और पूर्वांचली मतदाताओं का रुझान चुनाव में निर्णायक माना जाता है. 

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