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क्या कांग्रेस महाराष्ट्र में भी देगी कर्नाटक वाली गारंटियां, जानें क्या है सफलता की दर


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव के लिए राजनीतिक दल गोटियां बिछाने में जुटे हुए हैं. इस बार महाराष्ट्र का मुकाबला दो गठबंधनों के बीच माना जा रहा है. इसमें एक तरफ सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी का गठबंधन है, तो दूसरी तरफ है कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) का गठबंधन.दोनों ही गठबंधनों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है.इस लड़ाई को जीतने के लिए दोनों गठबंधनों ने अपनी सारी ताकत लगा दी है.

महाराष्ट्र में गठबंधनों की लड़ाई

सत्ताधारी महायुति अपने सरकार की लोक लुभावन योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रही है, वहीं महा विकास अघाड़ी सरकार की विफलताओं को गिना रहा है. महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस महाराष्ट्र में भी अपनी उन गारंटियों को दोहरा सकती है, जो उसने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में किए थे. इनमें कर्नाटक में की गई पांच गारंटियां प्रमुख हैं.सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महाराष्ट्र में लोक लुभावन वादों पर विचार कर रही है, उनमें महिलाओं के खाते में नगद पैसे डालना, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, पात्र परिवारों को 10 किलो अनाज और 200 यूनिट तक के बिजली बिल को माफ करना और बेरोजगारी भत्ता प्रमुख हैं.

कांग्रेस महाराष्ट्र में ‘जाति जनगणना’ की गारंटी भी कर सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र का ओबीसी समाज काफी सशक्त है. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन के बाद से वह काफी एकजुट हुआ है.कांग्रेस जाति जनगणना की गारंटी देकर उन्हें अपनी ओर कर सकती है. जाति जनगणना होने की दशा में सबसे अधिक फायदा ओबीसी समाज को ही होने वाला है. हरियाणा में मिली हार के बाद कांग्रेस के लिए ओबीसी का साथ मिलना उसके लिए बहुत जरूरी है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि हरियाणा में गैर जाटवाद की राजनीति में ओबीसी और दलित समुदाय साधकर विधानसभा चुनाव जीत लिया है.

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कौन कौन सी गारंटियां दे सकती है कांग्रेस

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र बनाने के लिए कांग्रेस नेताओं के सामने कर्नाटक का घोषणा पत्र है. कांग्रेस नेता कर्नाटक में दी गईं गारंटियों पर विचार कर रहे हैं. लेकिन इनमें कुछ बदलाव भी संभव हैं. कांग्रेस महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित है.लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ राज्य की 48 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसमें से 13 सीटें उसने जीत ली थीं.

राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते महा विकास अघाड़ी के नेता.

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ही महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने ‘लड़की-बहिन योजना’ शुरू की. इस योजना के तहत 21 से 65 साल तक की महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने डेढ़ हजार रुपये डाल जाने हैं.कांग्रेस अपनी गारंटियों में इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाने का वादा कर सकती है.

कांग्रेस की गारंटी वाली राजनीति

कांग्रेस ने चुनावों में गारंटी देने की शुरुआत 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश के चुनाव की थी.इसका उसे फायदा भी मिला था. हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बन गई थी. यह 2018 के दिसंबर के बाद से कांग्रेस की पहली जीत थी. दिसंबर 2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत दर्ज की थी.इसके बाद कांग्रेस ने कर्नाटक  में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इसे दोहराया. वहां उसने पांच गारंटियां दी थी. इस चुनाव में भी कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ी जीत दर्ज की.इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव में गारंटी देने का काम जारी रखा. लेकिन दिसंबर 2023 में हुए तेलंगाना, मध्य प्रदेशस, राजस्थान और छत्तसीगढ़ के चुनाव में उसे तेलंगाना को छोड़कर कहीं भी सफलता नहीं मिली.

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान एक चरण में 20 नवंबर को कराया जाएगा. मतगणना का काम 23 नवंबर को किाया जाएगा.

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