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क्‍या पीएम मोदी रिजल्‍ट के बाद नोएडा एक्‍सटेंशन को देंगे गुड न्‍यूज, मेट्रो पर क्‍या है अबतक का अपडेट

देश में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को लेकर पिछले कुछ सालों में काफी काम हुआ है. देश के हाईवे, कई रेलवे स्‍टेशन और एयरपोर्ट इसके गवाह हैं. भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को रफ्तार देने के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलेप करना बेहद जरूरी है. यही वजह है कि मोदी सरकार का सबसे ज्‍यादा फोकस इस समय इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के डेवलेपमेंट पर ही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने The Hindkeshariको दिये एक इंटरव्‍यू में बताया था कि तीसरी बार सत्‍ता में आने पर उनका फोकस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के डेवलेपमेंट पर ही, ताकि अर्थव्‍यवस्‍था की गति को पंख लग सकें. ऐसे में उम्‍मीद की जा सकती है कि मोदी सरकार के फिर से सत्‍ता में आने पर ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट मेट्रो लाइन पर तेजी से काम शुरू हो जाए. ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट के लाखों निवासी कई सालों से मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट पर मेट्रो चलने की खबरें काफी समय से सुनने को मिल रही हैं. इस लाइन पर मेट्रो के आने में लगभग पांच साल की देरी हो चुकी है, जिसके पीछे कई कारण हैं. इस साल की शुरुआत में ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट की डीपीआर फाइनल हुई और उसे केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया. इस नई डीपीआर में कुछ बदलाव भी किये गए हैं. दो नए स्‍टेशनों को जोड़ा गया है, जिससे इस लाइन की लागत भी बढ़ गई है. अभी तक डीपीआर को केंद्र सरकार से मंजूरी की आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद इस दिशा में प्रगति होते हुए नजर आएगी.     

2 नए स्‍टेशन जुड़े

इस साल की शुरुआत में ग्रेटर नोएडा वेस्ट को मेट्रो के रूट से जोड़ने के लिए एनएमआरसी ने एक्वा लाइन कॉरिडोर को बढ़ाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिससे हजारों लोगों को और फायदा होगा. पहले इस रूट में 9 स्‍टेशन थे. अब इस रूट पर 11 स्‍टेशन होंगे और यह नोएडा सेक्टर-51 से शुरू होकर नॉलेज पार्क V (ग्रेटर नोएडा) तक जाएगी. साथ ही नई डीपीआर में इस रूट को दिल्‍ली मेट्रो की ब्‍लू लाइन से भी कनेक्‍ट कर दिया गया है. इससे दिल्‍ली से ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट पहुंचना काफी आरमदेह होगा. वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट के निवासियों को भारी जाम से भी कुछ राहत मिलेगी. 

सेक्‍टर-61 पर होगा एक्वा लाइन और दिल्ली मेट्रो का इंटरचेंज

नई डीपीआर के मुताबिक, नोएडा सेक्टर-61 स्टेशन एक्वा लाइन और डीएमआरसी की ब्लू लाइन के बीच इंटरचेंज करने की सुविधा होगी. इससे लोगों को मेट्रो बदलने के लिए स्‍टेशन से नीचे उतरने की जरूरत नहीं होगी. यह लोगों के लिए बेहद सुविधानजक होगा. डीपीआर को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब इस रूट के लिए डीपीआर तैयार हुई है. इससे पहली वाली डीपीआर को मंजूरी नहीं मिली थी, क्‍योंकि उसमें कुछ बदलाव किये जाने थे. नई डीपीआर में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने काफी बदलाव कराए हैं. उम्‍मीद की जा रही है कि इस बार डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी. 

कितना आएगा खर्च 

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर के मुताबिक, इस रूट पर मेट्रो चलाने पर 2991 करोड़ 60 लाख रुपए का खर्चा आ सकता है. दो स्टेशन और जुड़ने से रूट की लागत तकरीबन 794 करोड़ रुपये बढ़ गई है. इससे पहले रूट पर कुल 2197 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था. इस बार मेट्रो का जो रूट बनाया गया है, वह पहले के मुकाबले लगभग ढाई किलोमीटर लंबा है, जिसकी लंबाई अब साढ़े सत्तरह किलोमीटर हो गई है. 

ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में कब पहुंचेगी मेट्रो…?

ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में मेट्रो कब तक पहुंचेगी, इस सवाल का जवाब लाखों लोग जानना चाहते हैं. यहां के लोग सालों से मेट्रो के आने का इंतजार कर रहे हैं. कई बार इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए, लेकिन अभी तक इस रूट पर काम शुरू नहीं हुआ है. अब तो ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में रहने वाले लोग भी निराश नजर आते हैं. यहां रहने वाले एक शख्‍स दिगपाल सिंह कहते हैं, “अभी तक इस लाइन पर काम शुरू नहीं हुआ है और कुछ आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. हम कई सालों से मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि अगले 5 सालों तक इस रूट का काम पूरा नहीं हो पाएगा.” वहीं, विनय कहते हैं, “अब तो 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से ही कुछ उम्‍मीद है. शायद, योगी जी चुनाव से पहले काम शुरू करवा दें और कुछ मेट्रो स्‍टेशन शुरू हो जाएं. लेकिन अभी तक मेट्रो का काम शुरू नहीं हुआ है.”   

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क्‍या होती है डीपीआर 

ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट रूट के लिए डीपीआर फाइनल हो गई है. डीपीआर यानि किसी प्रोजेक्‍ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट. यह एक ऐसी रिपोर्ट होती है, जिसमें परियोजना से जुड़ी सभी जानकारी होती है. एक-एक चीज की छोटी से छोटी बात की डिटेट जानकारी होती है. प्रोजेक्‍ट कहां से शुरू होता, कहां पर खत्‍म होगा, चार्च कितना आएगा… लगभग सभी जानकारी डीपीआर में मौजूद होती है. अगर यह कहें कि डीपीआर में किसी परियोजना का पूरा लेखा-जोखा होता है, तो गलत नहीं होगा. 

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