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क्या वर्ली में आदित्य ठाकरे को चुनौती देंगे शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, जानें क्या हैं वहां के समीकरण


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को घेरने की रणनीति बना रही है.शिंदे की शिवसेना ठाकरे के खिलाफ अपने राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार सकती है.ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई की वर्ली सीट नामांकन दाखिल किया.देवड़ा कांग्रेस छोड़ शिंदे की शिवसेना में आए हैं. अगर शिंदे की शिवसेना वर्ली में देवड़ा को उतारती है तो वहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा. 

आदित्य ठाकरे की घेराबंदी

महाराष्ट्र में बीजेपी-एनसीपी और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की महायुति वर्ली में आदित्य ठाकरे के खिलाफ किसी तगड़े उम्मीदवार की खोज में है. जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें मिलिंद देवड़ा का नाम भी शामिल है.देवड़ा के अलावा मराठी एक्टर सुशांत शेलार,बीजेपी प्रवक्ता शाइना एनसी नाम भी चर्चा में है. 

वर्ली विधानसभा क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते आदित्य ठाकरे.

वर्ली सीट पर माराठा और मछुआरा बहुल सीट है. वहां राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने संदीप देशपांडे को उम्मीदवार बनाया है. इसी वोट बैंक को भुनाने के लिए शिंदे की शिवसेना मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतराना चाहती है.आदित्यन ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार के रूप में गुरुवार को नामांकन दाखिल किया है.वर्ली में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर है.ऐसे में महायुति को जल्द ही वर्ली सीट पर उम्मीदवार तय करना होगा.

वर्ली में आदित्य ठाकरे का कद

लोकसभा चुनाव में वर्ली की जिम्मेदारी मिलिंद देवड़ा के पास थी. लेकिन वहां शिवसेना (यूबीटी) ने बढ़त बनाई थी. आदित्य ठाकरे का चुनाव क्षेत्र होने के बाद भी शिवसेना (यूबीटी) साढ़े छह हजार से अधिक की बढ़त ही बना पाई थी. आदित्य ठाकरे पहली बार 2019 में वर्ली से विधानसभा का चुनाव जीता था.उस चुनाव में उन्होंने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अभिजीत वामनराव बिचकुले को 67 हजार से अधिक वोटों हराया था.उनके चुनाव की खास बात यह थी कि ठाकरे परिवार के वो पहले ऐसे सदस्य थे, जो चुनाव मैदान में गया था.इस जीत के बाद आदित्य ठाकरे को एमवीए की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था.इस समय वो शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा के प्रमुख हैं.

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वहीं मिलिंद देवड़ा अभी इस साल की शुरूआत में कांग्रेस में थे. लोकसभा चुनाव से पहले वो कांग्रेस छोड़ एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए थे. मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. मिलिंद केंद्र में कांग्रेस की सरकार में राज्य मंत्री रहे हैं. वो 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिण सीट से सांसद चुने गए. लेकिन 2014 और 2019 का चुनाव वो शिवसेना के अरविंद सावंत से हार गए थे. शिंदे वाली शिवसेना में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें राज्य सभा भेजा था.  

महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए एक चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.मतगणना 23 नवंबर को कराई जाएगी. 

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