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बिना बताए मारेंगे Vs मार के तो देखना… रूस और यूक्रेन में अमेरिकी मिसाइलों पर छिड़ गई जंग


मास्‍को:

बिना बताए मारेंगे vs मार के तो देखना… रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग आने वाले दिनों में और भड़क सकती है. यूक्रेन का एक कदम रूस को और भड़का सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बिना बताए मारेंगे की घोषणा पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दे दी है कि मार के तो देखना, माकूल जवाब दिया जाएगा. हाल के दिनों में इस जंग में घी का काम अमेरिकी मिसाइलों ने किया है. राष्ट्रपति जेलेंस्की लंबे समय से अमेरिका से एक मांग करते रहे हैं, जो पूरी हो गई है. 

अमेरिकी ने पूरी की जेलेंस्‍की की मांग 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की हरी झंडी दे दी है. अमेरिकी मीडिया की खबरों के मुताबिक उत्तर कोरिया की ओर से युद्ध में मास्को की मदद के लिए हजारों सैनिकों की ‘कथित’ तैनाती के जवाब में यूएस प्रेसिडेंट ने यह फैसला लिया है. सोल और वाशिंगटन दोनों ने इस बात का दावा कर रहे हैं कि रूस के पश्चिमी सीमावर्ती कुर्स्क क्षेत्र में तैनात उत्तर कोरियाई सैनिकों ने यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है.   

…तो तनाव बढ़ना तय

यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलने से रूस नाराज हो गया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से तनाव में बढ़ोतरी का नया दौर शुरू होगा. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक पेस्कोव ने कहा, “यदि ऐसा निर्णय वास्तव में लिया गया है और कीव शासन को सूचित किया गया है, तो, निश्चित रूप से, यह तनाव में वृद्धि का एक नया दौर होगा.’ ज़ेलेंस्की ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सुझाव दिया कि पहले प्रक्षेपण के बारे में कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, “शब्दों से वार नहीं किया जाता. ऐसी चीज़ों की घोषणा नहीं की जाती है. रॉकेट अपने लिए बोलेंगे.”

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रूसी राष्ट्रपति ने  दी चेतावनी

दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मॉस्को की स्थिति सभी के लिए बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “ये संकेत पश्चिम को मिल चुके हैं और राष्ट्रपति ने भी इन्हें अपना स्वर दिया है.” बता दें 12 सितंबर को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था रूस के खिलाफ पश्चिमी लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने के संभावित फैसले का मतलब यूक्रेन युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य नाटो देशों की सीधी भागीदारी से कम कुछ नहीं होगा. रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी कि इससे इस संघर्ष की प्रकृति में काफी बदलाव आएगा और रूस को बढ़ते खतरों के जवाब में उचित कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की हरी झंडी दे दी है. अमेरिकी मीडिया की खबरों के मुताबिक, उत्तर कोरिया की ओर से युद्ध में मास्को की मदद के लिए हजारों सैनिकों की ‘कथित’ तैनाती के जवाब में यूएस प्रेसिडेंट ने यह फैसला लिया है. सोल और वाशिंगटन दोनों ने इस बात का दावा कर रहे हैं कि रूस के पश्चिमी सीमावर्ती कुर्स्क क्षेत्र में तैनात उत्तर कोरियाई सैनिकों ने यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की लंबे समय से यह मांग करते आए हैं कि रूस के अंदर लक्ष्यों को भेदने के लिए कीव को आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (एटीएसीएमएस) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए. एटीएसीएमएस 300 किमी (186 मील) तक जा सकती हैं.

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