वर्ल्ड बैंक ने दी गुड न्यूज, बुलेट की स्पीड से बढ़ती रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली:
वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (India Economy) के सबसे तेज गति से बढ़ने का अनुमान जताया है. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार (11 जून) को वित्त वर्ष 2025 में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Production) यानी GDP में 6.6% की बढ़ोतरी का अनुमान बरकरार रखा है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, इस दौरान मैन्युफैंक्चरिंग और रियल एस्टेट में ज्यादा तेजी देखने को मिलेगी.
इसी साल अप्रैल में विश्व बैंक ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारत की GDP दर की वृद्धि का अनुमान 20 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.6% कर दिया था. ग्लोबल एजेंसी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. हालांकि, भारत के अर्थव्यवस्था के विस्तार की रफ्तार मध्यम रहने की उम्मीद है.
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विश्व बैंक ने 2023-24 में हाई ग्रोथ रेट के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्तीय वर्षों के लिए औसतन 6.7% सालाना वृद्धि का अनुमान है. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को अपने नए दक्षिण एशिया अर्थव्यवस्था वृद्धि को लेकर कहा कि कुल मिलाकर 2024 में दक्षिण एशिया में ग्रोथ रेट 6.0 प्रतिशत मजबूत होने की उम्मीद है. जो मुख्य रूप से भारत में मजबूत ग्रोथ पाकिस्तान और श्रीलंका में रिकवरी से प्रेरित है. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.6 प्रतिशत होने की उम्मीद है.
2024 की चौथी तिमाही में कितनी रही GDP ग्रोथ?
वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2024 में GDP ग्रोथ 7.8% रही है. वहीं, पिछले साल की समान तिमाही यानी, Q4FY23 में GDP ग्रोथ 6.1% रही थी. बीते दिनों सरकार ने पूरे साल यानी वित्त वर्ष 2024 के लिए भी GDP का प्रोविजनल एस्टिमेट जारी किया. FY24 में GDP ग्रोथ 8.2% रही है. पिछले वित्त वर्ष यानी, FY23 में GDP ग्रोथ 7% रही थी. वहीं, FY24 की GDP ग्रोथ रिजर्व बैंक के 7% के अनुमान से 1.2% ज्यादा है.
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GDP क्या होती है?
GDP देश में एक अवधि के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापती है. इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है. आसान भाषा में कहे तो GDP अर्थव्यवस्था की सेहत को दिखाती है.
GDP दो तरह की होती है. रियल GDP और नॉमिनल. रियल GDP में वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है. फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है. जबकि नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है.
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