स्कूल छात्रों और उद्योगों के बीच "मैच मेकर" बनें : वर्ल्ड बैंक की शिक्षा विशेषज्ञ शबनम सिन्हा
नई दिल्ली:
वर्ल्ड बैंक की “जॉब्स एट योर डोरस्टेप” रिपोर्ट छह राज्यों में सर्वे के बाद तैयार की गई है. वर्ल्ड बैंक की मुख्य शिक्षा विशेषज्ञ शबनम सिन्हा से इस पर The Hindkeshariने बात की. उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में क्या क्या महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं जो कि भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं.
शबनम सिन्हा ने विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट “जॉब्स एट योर डोरस्टेप” पर The Hindkeshariसे कहा,
हमने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत में नौकरियों की कोई कमी नहीं है, नौकरियां उपलब्ध हैं. आवश्यकता इस बात की है कि स्कूल छात्रों और उद्योगों के बीच “मैच मेकर” बनें और सुनिश्चित करें कि वे एक साथ आएं.
उन्होंने कहा कि, हमने 6 राज्यों – हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान के जिलों का दौरा करके 9 महीने के गहन विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. हमारी रिपोर्ट का सार है- स्कूली छात्रों के कौशल प्रशिक्षण के स्थानीयकरण की आवश्यकता.
शबनम सिन्हा ने कहा कि,हमने अपने गहन विश्लेषण में पाया कि जो आवश्यक है वह अत्यधिक कुशल व्यक्ति नहीं है. स्थानीय स्तर पर एमएसएमई बुनियादी कौशल की तलाश कर रहे हैं जो उनके लिए उपलब्ध नहीं हैं. भारत के स्कूलों में 260 मिलियन छात्र हैं. बड़े पैमाने पर कौशल की ट्रेनिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना जरूरी होगा.
उन्होंने कहा कि, स्कूलों में लड़कियों की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देना जरूरी है इससे पहले स्थानीय स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को भी रोजगार का अवसर मिलता है अगर उन्हें स्कूल में कोचिंग की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दी जाती है.
शबनम सिन्हा ने कहा कि, हमने अनुशंसा की है कि, स्किल-आधारित प्रशिक्षण के लिए स्कूल स्तर पर पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, प्रशिक्षण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार हो, स्किल हब बनाए जाएं और प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण दिया जाए.