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"आपने वोट तक भी नहीं दिया" : आखिर जयंत सिन्‍हा के खिलाफ एक्शन के मूड में क्यों BJP?

पार्टी ने सिन्हा से दो दिनों के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. अभी तक उन्‍होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया है.

सिन्‍हा ने ‘चुनावी कर्तव्‍यों’ से मुक्‍त करने का किया था अनुरोध  

सिन्हा ने 2 मार्च को एक्स पर अपनी एक पोस्‍ट में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से अनुरोध किया था कि “मुझे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करें.” उन्होंने कहा था कि वह “भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों” पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. इसके कुछ ही घंटों के बाद भाजपा ने जायसवाल को झारखंड की इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया, जिसका प्रतिनिधित्व कभी यशवंत सिन्हा और बाद में उनके बेटे जयंत सिन्हा ने किया था. 

इसी तरह की पोस्ट करने वाले एक अन्य सांसद गौतम गंभीर थे, जिन्होंने कहा कि “आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं” पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वह अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त होना चाहते हैं.

भाजपा ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से अपने मौजूदा सांसद गंभीर की जगह हर्ष मल्होत्रा ​​को मैदान में उतारा है. 

भाजपा ने किया था दोनों नेताओं को नहीं दोहराने का फैसला! 

सूत्रों ने The Hindkeshariको बताया कि भाजपा की चुनावी मशीनरी ने व्यापक सर्वेक्षण और हर लोकसभा सीट पर लंबे विचार-विमर्श के बाद गौतम गंभीर और जयंत सिन्हा को नहीं दोहराने का फैसला किया. 

सिन्हा ने 2019 में कांग्रेस के गोपाल साहू को हराकर 4.79 लाख वोटों के जीत दर्ज की थी.  

झारखंड में लोकसभा चुनाव के दूसरे दौर में तीन सीटों पर सोमवार को  मतदान हुआ. वहीं गांडेय विधानसभा उपचुनाव में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन झामुमो उम्मीदवार हैं, यहां पर 68.26 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. 

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हजारीबाग में सबसे अधिक 64.32 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद चतरा (62.96 प्रतिशत) और कोडरमा (61.86 प्रतिशत) का स्थान रहा. 

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