आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं…? हर्जाने को लेकर SC ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
नई दिल्ली:
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अहम सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार से पूछा था कि GRAP-4 की पाबंदियां लागू होने के बाद कितने मजदूरों को हर्जाना दिया गया है. दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने अदालत को बताया कि 90 हजार मजदूरों को 2 हजार का भुगतान किया गया है.
इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने कहा, “90 हजार मजदूर 8 हजार रुपये के हकदार हैं. आप बचे हुए 6 हजार कब तक देंगे. क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं. हम कंटेप्ट नोटिस जारी कर रहे हैं.” इसके जवाब में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि हम कल तक भुगतान कर देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप-4 हटाने का जारी किया आदेश
दिल्ली-NCR में लागू ग्रैप-4 को अब हटा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद ग्रैप-4 हटाने का आदेश जारी किया है. CAQM की ओर ASG भाटी ने कहा कि AQI नीचे जा रहा है. लेकिन ये मौसम पर निर्भर करता है. 29 नवंबर से डाउनग्रेड हो रहा है. बता दें कि पिछले एक महीने से शहर में लगातार वायु प्रदूषण का सामना करने के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आज सुधार हुआ और AQI 161 पर ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गया.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंकड़ों पर विचार करते हुए, हमें नहीं लगता कि इस स्तर पर आयोग को ग्रैप 2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित होगा. अदालत द्वारा आगे भी इसकी निगरानी जरूरी है. हालांकि, हम आयोग को ग्रैप 2 लागू करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह उचित होगा कि वह इसमें ग्रैप 3 के अतिरिक्त उपायों को शामिल करे और हम ऐसा करने की अनुमति देते हैं. हमें यहां यह दर्ज करना होगा कि अगर यह पाया जाता है कि AQI 350 से ऊपर चला जाता है, तो एहतियात के तौर पर ग्रैप 3 को तुरंत लागू करना होगा. अगर किसी दिन AQI 400 को पार कर जाता है, तो ग्रैप 4 को फिर से लागू किया जाना चाहिए.
ग्रैप क्या होता है?
एयर पॉल्यूशन के बढ़ने के बाद Graded Response Action Plan (GRAP) लागू की जाती है. ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है. दूसरा चरण AQI 301 से 400 तक रहता है. फिर तीसरा चरण AQI 401 से 450 तक रहता है. अगर AQI 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है.हालांकि इसके अलावा इसे लागू सरकार की तरफ से ही लागू की जाती है. जब तक सरकारी आदेश लागू नहीं होते हैं तब तक इसे लागू नहीं किया जाता है. इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध होते हैं.
ग्रैप 1 के तहत होती है क्या-क्या पाबंदी?
- ग्रैप 1 के तहत कई तरह की पाबंदियां होती है. हालांकि इसका स्तर प्रारंभिक ही होता है.
- आमतौर पर ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है,जब शहर का एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता है.
- ग्रैप-1 लागू होने के बाद होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता. क्योंकि इससे निकलने वाले धुआं पर्यावरण को तेजी से प्रभावित करते हैं.
- पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों (BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल) परिचालन पर पूरी तरह से सख्ती लागू की जाती है.
ग्रैप 2 के तहत होती है क्या-क्या पाबंदी?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण यानी ग्रैप-2 के तहत कई पाबंदियां लागू की जाती हैं.
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औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है: कई तरह के उद्योगों को बंद करने या उनकी गतिविधियों को सीमित करने के आदेश दिए जाते हैं, खासकर जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं.
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निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है: निर्माण कार्य को रोक दिया जाता है, क्योंकि इससे धूल और अन्य कण वायुमंडल में मिलते हैं. जिसका सीधा असर वायु की गुणवक्ता पर होता है.
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वाहनों पर प्रतिबंध: निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध सरकार लगा् सकती है और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाता है.
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कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध: कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर दिया जाता है
कूड़े के निस्तारण को लेकर सख्त नियम लागू किए जाते हैं: कूड़े के खुले में जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है. -
स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया जाता है: बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश भी प्रशासन की तरफ से दी जा सकती है.
ग्रैप 3 के तहत होते हैं ये प्रतिबंध
ग्रैप 3 यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण, वायु प्रदूषण के बेहद गंभीर स्तर पर लागू किया जाता है. यह एक कठोर कदम है जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की तरफ से उठाए जाते हैं. ग्रैप 3 के लागू होने का मतलब है कि प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है और तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. इसके बाद सरकार की तरफ से वायु प्रदूषण के स्तर को तेजी से कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाते हैं.
- वाहन पर पूर्ण प्रतिबंध: निजी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने का अधिकार प्रशासन के पास होता है. केवल आवश्यक सेवाओं के वाहनों को ही अनुमति ऐसे हालत में दी जाती है.
- औद्योगिक गतिविधियों पर पूर्ण रोक: सभी प्रकार के उद्योगों को बंद कर दिया जाता है, खासकर जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं.
- निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण रोक: सभी प्रकार के निर्माण कार्य को रोक दिया जाता है. प्रशासन की तरफ से इस आदेश को तोड़ने वाले पर बड़े जुर्माने के अधिकार होते हैं.
- कोयले के उपयोग पर पूर्ण रोक: कोयले से चलने वाले सभी थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर दिया जाता है. साथ ही छोटे स्तर पर भी किसी भी तरह के कोयले के उपयोग को रोक दिया जाता है.
- स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद: सभी शैक्षणिक संस्थानों को प्रशासन एहितायत के तौर पर बंद कर सकती है.
ग्रैप 4 के तहत क्या-क्या प्रतिबंध होते हैं
ग्रैप 4 यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चौथा चरण. यह किसी भी शहर के लिए सबसे खतरनाक स्तर होता है. इसे पर्यावरण के लिए आपातकाल के तौर पर भी देखा जाता है. वायु प्रदूषण के बेहद गंभीर स्तर पर लागू किया जाता है. यह प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे कठोर कदम होता है. ये प्रतिबंध क्षेत्र और प्रदूषण के स्तर के आधार पर बदल सकते हैं.एक बेहद गंभीर स्थिति है और इसका मतलब है कि प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। इसलिए इन प्रतिबंधों का पालन करना बहुत जरूरी है.
- वाहन पर पूर्ण प्रतिबंध: निजी वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है. केवल आवश्यक सेवाओं के इलेक्ट्रिक वाहनों को ही अनुमति दी जाती है.
- औद्योगिक गतिविधियों पर पूर्ण रोक: सभी प्रकार के उद्योगों को बंद कर दिया जाता है, खासकर जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं.
- निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण रोक: सभी प्रकार के निर्माण कार्य को रोक दिया जाता है.
- कोयले के उपयोग पर पूर्ण रोक: कोयले से चलने वाले सभी थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर दिया जाता है.
- सभी प्रकार की बाहरी गतिविधियों पर रोक: खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि सभी प्रकार की बाहरी गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है।
- सार्वजनिक परिवहन में भी कटौती: सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को भी सीमित करने के प्रयास होते हैं.
इन सबों के साथ ही वो सभी नियम लागू होते हैं जो ग्रैप 1,2,3 के तहत लगाए गए थे.