Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
दुनिया

तिब्बत में आए भूकंप से मची भारी तबाही… वीडियो देख आप जाएंगे सिहर


नई दिल्ली:

नेपाली सीमा के पास तिब्बत में आए भूकंप में अबतक 53 लोगों की मौत हो गई है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 दर्ज की गई है, समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि भूकंप इतना खतरनाक था कि इसके झटके बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत कई हिस्सों में महसूस किए गए हैं. तिब्बत में आए इस भूकंप की कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं और ये वीडियो वाकई में बहुत डराने वाली हैं. 

इन वीडियो में तिब्बत में आए भूकंप से मची तबाही के मंजर को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इस भूकंप में अबतक 53 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और कई अन्य लोग घायल हैं. फिलहाल प्रभावित हिस्सों में राहत और बचाव अभियान जारी है. यहां देखें तबाही के मंजर : 

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि पहला झटका सुबह 6:35 बजे IST पर आया, जिसकी तीव्रता 7.1 थी. इसके तुरंत बाद दो झटके महसूस किए गए. पहला झटका 4.7 तीव्रता का था, जो सुबह 7:02 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जबकि दूसरा झटका 4.9 तीव्रता का था, जो सुबह 7:07 बजे 30 किलोमीटर की गहराई पर आया.

भूकंप का असर बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत भारत के कई हिस्सों में महसूस किया गया, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई. सोशल मीडिया पर भूकंप के झटके के कारण इमारतें हिलती हुई और छतें हिलती हुई दिखाई दे रही थीं.

यह भी पढ़ें :-  नेपाल का चमत्कारी "बुद्ध ब्वॉय" नाबालिग से कथित रेप के आरोप में गिरफ्तार

तिब्बत के साथ सीमा सटे नेपाल, हिमालय की फॉल्ट लाइन पर स्थित होने के कारण भूकंपीय गतिविधि के लिए अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं. इस क्षेत्र ने अतीत में विनाशकारी भूकंपों का अनुभव किया है, जिसमें काठमांडू के पास 2015 का भूकंप भी शामिल है, जिसकी तीव्रता 7.8 थी. उस आपदा ने लगभग 9,000 लोगों की जान ले ली थी और हज़ारों घायल हो गए थे. 

चीन और भारत के अधिकारी भूकंप के बाद की स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. तिब्बत के प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान जारी है, जबकि भारतीय अधिकारी उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों में किसी भी तरह के दूसरे प्रभाव के लिए सतर्क हैं.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button