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आप बंगाल में कब्जा करेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे… बांग्लादेश मुद्दे पर दिखा ममता बनर्जी का रौद्र रूप


कोलकाता:

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत में विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे हैं. हिंसा का असर पश्चिम बंगाल, दिल्ली, ओडिशा और असम में देखा जा रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि वो बिहार पर कब्जा करेंगे. ओडिशा पर कब्जा करेंगे. मैं उनसे कहती हूं कि भाई आप अच्छे रहिए, स्वस्थ रहिए और सुंदर रहिए. आपमें तो क्या किसी में भी इतनी बड़ी हिम्मत नहीं है कि वो बांगला, बिहार और ओडिशा सब पर कब्जा कर लेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे. ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है.”

ममता ने कहा, “हम बहुत सर्तक लोग हैं. अविभाजित भारत के नागरिक हैं. हम हर चीज में सक्षम हैं, लेकिन हम सब्र रखना भी जानते हैं. बांग्लादेश की राजनीति से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हमें किसी और उकसावे में नहीं आना चाहिए.”

हिंदू, मुस्लिम नहीं भड़काते दंगे
बंगाल की CM ने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई दंगे नहीं भड़काते. असामाजिक तत्व दंगे भड़काते हैं. हमें ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिससे बंगाल में खराब स्थिति पैदा हो.” TMC प्रमुख ने कहा, “मुझे खुशी है कि पश्चिम बंगाल में हिंदू और मुस्लिम अल्पसंख्यक दोनों बांग्लादेश में अत्याचारों का विरोध कर रहे हैं. यह हमारी धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को दिखाता है.”

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हम विदेश सचिव की मीटिंग पर निर्भर
पश्चिम बंगाल की CM ने कहा, “बहुत से लोग दूसरी तरफ से यहां आना चाहते हैं. लेकिन BSF निगरानी कर रही है. हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. सीमा हमारी चिंता का विषय नहीं है. मैं सभी से अनुरोध करती हूं, कोई भी ऐसी भड़काऊ बातें न कहे. हम विदेश सचिव की मीटिंग पर निर्भर हैं. हम दूसरी तरफ के बंगालियों को राष्ट्रवाद, करुणा और स्नेह की भावना दिखाएं.” 

विदेश सचिव पहुंचे ढाका
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है.

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी. शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

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बांग्लादेश हिंसा पर भारत ने जाहिर की चिंता
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष तौर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं और उकसावे पर गहरी चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था, “हम चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं और उकसावे को लेकर चिंतित हैं. इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाने के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता. हम एक बार फिर बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं.” बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए हमलों से दुनिया भर में चिंता जताई गई है.

5 अगस्त 2024 से हिंसा का माहौल
बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 में तत्कालीन पीएम शेख हसीना को बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते देश छोड़कर भारत आने पर मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों की कई खबरें सामने आई हैं. मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में स्थापित अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के आरोप लगते रहे हैं.

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शेख हसीना ने यूनुस पर बताया था नरसंहार का मास्टरमाइंड
इस हफ्ते की शुरुआत में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर ‘सामूहिक हत्याओं का मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूनुस देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की साजिश रचने में शामिल है.

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पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है. वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. वे ही मास्टरमाइंड हैं.”

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