जनसंपर्क छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति से लाभान्वित हुए युवा उद्यमी….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की औद्योगिक विकास को सर्वाधिक सम्भावनाओं से युक्त बस्तर अंचल के दूरस्थ ईलाके तक पहुंचाने की पहल का सुखद परिणाम अब धरातल पर परिलक्षित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा इस महत्ती उद्देश्य पर ध्यान केन्द्रित कर बस्तर क्षेत्र में औद्योगिक विकास की असीम संभावनाओं के मद्देनजर इस वर्ष बीते छह महीने पहले यहां के उद्योगपति, व्यवसायियों, नव उद्यमियों के साथ ही स्टार्टअप से जुड़े युवाओं से संवाद कर सकारात्मक प्रयास किया गया था।

इन सभी सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप गुरुवार को जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति पत्र निवेशकों को प्रदान किए गए। जिसमें बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव जिले की युवा महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल सहित माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में सोहैल रिजवी जैसे स्थानीय उद्यमी शामिल हैं जिन्होंने इन सुदूर ईलाके में स्वरोजगार के अवसर को अपनाने के लिए चुनौती स्वीकार किया है।

कोंडागांव निवासी युवा महिला उद्यमी रागिनी बीते एक वर्ष पहले शासन की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से लाभान्वित होकर स्थानीय उत्पादों पर आधारित फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट स्थापित कर गर्भवती एवं पोषक माताओं सहित बच्चों को हेल्दी फूड उपलब्ध करवा रही हैं। रागिनी ने अपने इस यूनिट के लिए शासन की योजनांतर्गत 09.53 लाख रुपए की सहायता ली है, जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान समाहित है।

वहीं दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत गीदम के युवा उद्यमी सोहैल रिजवी बीजापुर में एक आधुनिक राइस मिल की स्थापना करने जा रहे हैं। इस राइस मिल की क्षमता प्रतिघंटा 6 टन होगी, जिसकी स्थापना पर लगभग 06 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना में शासन से 90 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त होगा। इस राइस मिल के शुरू होने से क्षेत्र में 50 से 60 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें :-  CG CM in Kabirdham : मुख्यमंत्री विष्णु ने कबीरधाम जिले में 118.24 करोड़ रूपए के 154 कार्यों का किया लोकार्पण-शिलान्यास

रागिनी बताती हैं कि स्थानीय परम्परागत ग्रामीण परिवेश से जुड़े परिवार तथा जन्मभूमि बस्तर होने के फलस्वरूप यहां के वनोत्पाद, आर्गेनिक कृषि उत्पाद तथा जड़ी बूटी की अच्छी जानकारी होने के साथ ही बस्तर के रहवासियों की नियमित जरूरतों एवं खानपान से पूरी तरह वाकिफ होने और प्रसंस्करण की अभिरुचि के कारण सबसे पहले माताओं एवं बच्चों की पोषण पर स्टार्टअप करने का निर्णय लिया और अब कोंडागांव में स्वयं के उत्पाद तैयार कर हेल्दी फूड कार्नर के जरिए आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।

रागिनी ने बताया कि वह 10 सदस्यीय परिवार जिसमें माता-पिता और दो भाइयों का सहयोग उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है और अब स्वयं को स्वरोजगार से जोड़कर काफी गौरवान्वित महसूस करती हैं। रागिनी कहती हैं कि वह बस्तर अंचल में सबसे ज्यादा जरूरी पोषण सम्बन्धी सेवाओं को समर्पित होकर लगातार जारी रखेंगी। वहीं दंतेवाड़ा जिले के निवासी सोहैल के पिता ने 17 वर्ष पहले गीदम में राइस मिल की स्थापना की थी, जिसके बाद सोहैल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत इस पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। बीजापुर में इस नए उद्यम की स्थापना की योजना को उन्होंने अब अमलीजामा पहनाया है।

इसके साथ ही, सोहैल 3 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स का कारोबार भी संचालित कर रहे हैं, जो उनके उद्यमशीलता के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस राइस मिल के शुरू होने से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। युवा स्टार्टअप रागिनी और सोहैल रिजवी का यह प्रयास सरकार के सुरक्षित, पारदर्शी एवं आकर्षक नवीन औद्योगिक नीति के साथ ही सकारात्मक पहल के दूरगामी एवं शुरुआती नतीजे हैं जो भविष्य में स्थानीय उद्योग और रोजगार सृजन के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित होंगे।

यह भी पढ़ें :-  Free Consultation : परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर निःशुल्क मिलेगा परामर्श

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button