उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान लगी आग, 13 लोग घोयल
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आज आग लग गई, जिसे बुझा लिया गया. इस हादसे में पुजारी समेत 14 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 6 की हालत गंभीर है. बताया जा रहा है कि आरती के दौरान जल रहे कपूर और गुलाल डालने से आग पकड़ी. समय रहते आग पर काबू पा लियागया. हालांकि घटना के दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया. घटना की जानकारी देते हुए उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया और घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. आपको बता दें कि जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त सीएम डॉ. मोहन यादव के पुत्र वैभव और बेटी डॉक्टर आकांक्षा नंदी हाल में बैठकर बाबा की आराधना कर रहे थे.
ऐसे हुआ ये हादसा
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बता दें कि गर्भगृह की दीवार और छत पर चांदी की परत चढ़ी हुई है. होली पर बाबा महाकाल गुलाल चढ़ाया जाता है वह पुजारी भी एक-दूसरे पर रंग डालते हैं. इन रंगों से गर्भगृह की दीवार खराब न हो इसलिए शिवलिंग के ऊपर इस वर्ष प्लास्टिक का फ्लेक्स लगाया गया था.गर्भगृह में एक-दूसरे पर रंग डालने के दौरान गुलाल आरती की थाल में जल रहे कपूर पर गिर गया जिससे कपूर भभका और फ्लैक्स ने आग पकड़ ली, हालांकि आग पर कुछ ही देर में काबू पा लिया गया.
फूलों की होली से हुई थी शुरुआत
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर के आंगन में रविवार शाम को ही होली पर्व की शुरुआत हो गई थी.संध्या आरती में हजारों भक्तों ने बाबा महाकाल के साथ गुलाल से होली खेली थी.इसके बाद महाकाल प्रांगण में होलिका दहन किया गया था. रविवार को भस्म आरती में भक्तों ने 51 क्विंटल फूलों के साथ होली खेलकर पर्व की शुरुआत की थी.बता दें कि दोपहर में महाकाल मंडप में बाबा महाकाल ने माता पार्वती के साथ अपनी भूत प्रेत की सेना के साथ नाचते-गाते जमकर होली खेली थी.
भगदड़ में हुई थी 35 लोगों की मौत
बता दें कि करीब 30 साल पहले महाकाल मंदिर में भगदड़ मच गई थी. उस दौरान करीब 35 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद एक बार मंदिर प्रांगण में पेड़ गिरने से भी दो लोगों की मौत हुई थी.
महाकाल को लेकर ये है मान्यता
महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.पुराणों, महाभारत और कालिदास की रचनाओं में भी इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है. महाकाल मंदिर में ड्रेस कोड लागू है. पुरुष धोती और महिलाएं साड़ी पहनकर दर्शन करती हैं.महाकाल को लेकर एक मान्यता भी है. बाबा महाकाल को उज्जैन का राजा धिराज माना जाता है. बाबा महाकाल के नगर में कोई भी दो राजा राज में नहीं रह सकते. अगर ऐसा हुआ तो यहां रात ठहरने वाले के हाथ से सत्ता चली जाएगी ऐसा कहा जाता है.