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अमेरिका के 6 सांसदों ने अदाणी समूह पर बाइडेन DOJ के एक्शन की जांच की मांग की, कहा- भारत अहम साझेदार, अमेरिका को हुआ नुकसान


वॉशिंगटन:

अमेरिकी कांग्रेस के छह सदस्यों ने बाइडेन डीओजे की अदाणी ग्रुप पर की गई कार्रवाई के खिलाफ जांच की मांग की है. इसे लेकर अमेरिकी कांग्रेस कॉकस ने USA के अटॉर्नी जनरल एजी बॉन्डी को एक पत्र लिखा है. लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर. टिममन्स IV, ब्रायन बाबिन, डी.डी.एस नाम के इन सदस्यों ने भारत को अमेरिका का अहम साझेदार बताते हुए कहा है कि बाइडेन डीओजे की कार्रवाई से अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचा है.

कांग्रेस सदस्यों का कहना है कि उन लोगों को टारगेट किया गया है, जिन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था में दसियों अरब का योगदान दिया और हज़ारों नौकरियां पैदा की हैं. फैसलों के जरिए ऐसे निवेशकों को हमारी अर्थव्यवस्था में योगदान देने से रोकने की कोशिश की गई है, जो कि अमेरिकी हितों पर बड़ी चोट है. 

‘अमेरिका के हितों को पहुंचा नुकसान’

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने अदाणी कंपनी के खिलाफ हुई जांच पर सवाल उठाए हैं और नए सिरे से इस कार्रवाई की जांच की मांग उठाई है. उन्होंने अमेरिका की पिछली सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) के कुछ फैसलों को संदिग्ध करार दिया है. उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के कुछ फैसलों में कुछ चुनिंदा मामलों को आगे बढ़ाया, जबकि कुछ को छोड़ दिया. इस वजह से घरेलू स्तर पर और विदेश में न सिर्फ अमेरिका के हित, बल्कि भारत जैसे करीबी सहयोगियों के साथ हमारे रिश्ते भी खतरे में पड़ गए हैं. 

‘भारत संग अमेरिका के रिश्ते बहुत ही अहम’

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने अपने पत्र में कहा कि भारत दशकों से अमेरिका का एक अहम सहयोगी रहा है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते उसके साथ हमारे रिश्ते काफी दुर्लभ हैं. दोनों देशों के रिश्ते राजनीति, व्यापार और अर्थशास्त्र से भी काफी ऊपर हैं. लेकिन यह ऐतिहासिक साझेदारी बाइडेन प्रशासन के कुछ अविवेकपूर्ण फैसलों की वजह से खतरे में पड़ गई हैं.

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बाइडेन प्रशासन के फैसले पर सवाल

उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की तरफ से लिए गए ऐसे ही एक फैसले में अदाणी ग्रुप से जुड़ा एक फैसले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस कंपनी के अधिकारी भारत में मौजूद हैं. हालांकि यह मामला पूरी तरह से आरोपों पर टिका है. भारत में मौजूद इस कंपनी के सदस्यों पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगा है. बाइडेन डीओजे ने बिना किसी वास्तविकता के इस मामले में कंपनी के अधिकारियों को दोषी ठहराने का फैसला किया जो कि अमेरिका के हितों पर चोट जैसा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले को आगे बढ़ाने का कोई जरूरी कारण नहीं था.


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