पश्चिम बंगाल: हटाए गए यादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति, जानिए- पूरा मामला
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार शाम को अनुशासनात्मक आधार पर यादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव को पद से हटा दिया. राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. राज्यपाल बोस राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं. यह निर्णय विश्वविद्यालय के रविवार को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर लिया गया.
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अधिकारी ने बताया कि बोस ने कार्यवाहक कुलपति के खिलाफ मिली कई शिकायतों की जांच के लिए एक जांच समिति भी गठित की है. अधिकारी ने से कहा, “कुलाधिपति ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने पर यादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव को हटाया है. कुलाधिपति ने कहा कि किसी भी कुलपति को आदेशों की अवहेलना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ही हमारी अंतिम उम्मीद है. साव के खिलाफ उनके कार्यालय को मिली कई शिकायतों की जांच के लिए एक जांच समिति भी गठित की गई है.”
गणित के प्रोफेसर साव को इस साल अगस्त में यादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के रूप में नामित किया गया था. अधिकारी ने कहा कि रविवार को होने वाले दीक्षांत समारोह को ‘अनधिकृत’ बताते हुए बोस ने समारोह के लिए खर्च की गयी धनराशि को साव तथा अन्य आयोजकों के वेतन से वसूलने का निर्णय लिया है.
राज भवन के अधिकारी के अनुसार, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के आरोपों पर यादवपुर विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रमुख ओम प्रकाश मिश्रा के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, राज्य के मंत्री ब्रत्य बासु ने शनिवार को राज भवन पर राज्य में उच्च शिक्षा का माहौल खराब करने का आरोप लगाया.
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री बासु ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे मीडिया में आयी खबरों से पता चला है कि राज्यपाल ने यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत प्रोफेसर को हटा दिया है. ऐसा लगता है कि वह राज्य में उच्च शिक्षा के माहौल को नष्ट करने पर तुले हुए हैं.”
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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)