गरीबी और मिडिल क्लास को बजट के बाद पीएम मोदी ने यहां भी साधा, कांग्रेस पर ऐसा बोला हमला
नई दिल्ली:
देश के मीडिल क्लास के लिए बजट पेश करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर मीडिल क्लास की वकालत की. मौका था लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देने का. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और नेता विपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना हमला बोला. चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने गरीबों के लि झूठे वादे और नारे नहीं दिया, बल्कि हमने उनका सच्चा विकास किया है.
पीएम मोदी ने बताया कि क्या होता है गरीब और गरीबी
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में हुई चर्चा का जबाव देते हुए कहा कि हमने गरीबों के लिए झूठे वादे और नारे नहीं,बल्कि हमने सच्चे विकास दिया है.उन्होंने कहा कि गरीब का दुख, आम आदमी की तकलीफ, मीडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं, इसके लिए जज्बा चाहिए. मुझे दुख के साथ कहना है कुछ लोगों में यह है ही नहीं.बारिश के दिनों में कच्छी छत, उसकी प्लास्टिक की चादर वाली छत, उससे नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है.पल पल सपने रौंद दिए जाते हैं, ऐसे पल होते हैं. यह हर कोई नहीं समझ सकता है.
पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन करवाकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं,उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं. समस्या की पहचान करना एक बात है, लेकिन जिम्मेदारी अगर है, तो समस्या की पहचान करके आप छूट नहीं सकते हैं. हमने देखा है और पिछले साल के हमारे 10 साल के काम को देखा होगा, तो हमारा प्रयास समस्या के समाधान पर रहता है. हम समर्पित भाव से काम करते हैं.उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, उनको मिस्टर क्लीन कहने का एक फैशन हो गया था. उन्होंने एक समस्या को पहचाना था. उन्होंने कहा कि था दिल्ली से एक रुपये निकलता है, तो गांव में 15 पैसा पहुंचता है. उस समय पंचायत से संसद तक एक ही पार्टी का राज था. उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एक रुपया है, तो 15 पैसा पहुंचता है. बहुत गजब की हाथ की सफाई थी.
विपक्ष की टीका-टिप्पणी पर पीएम मोदी का कटाक्ष
पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष की ओर से टोका-टाकी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें ऐसा करने से मना किया.इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है, तो लोग कुछ भी बोलते हैं, लेकिन ज्यादा हताशा-निराशा फैल जाती है, तब भी बहुत कुछ बोलते हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने पहले की सरकारों में फैले भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि जिनका जन्म नहीं हुआ था, जो भारत की धरती पर अवतरित नहीं हुए थे, ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकारी खजाने से अलग अलग योजनाओं का फायदा ले रहे थे. हमने इन 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया. ये 10 करोड़ फर्जी लोग जब हटे तो करीब 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बच गया. मैं हाथ किसका था यह नहीं कह रहा हूं, गलत हाथों से.
उन्होंने कहा कि हमारे स्वच्छता अभियान का बहुत मजाक उड़ाया गया. न जाने क्या-क्या कहा जाता था.आज मुझे संतोष से कहना है कि इस सफाई के कारण हाल के सालों में सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ बेचा गया है, उसमें 2300 करोड़ रुपये सरकार को मिला है.
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