अमेरिका और कनाडा की जांच पर भारत की प्रतिक्रिया अलग क्यों? राजदूत ने बताया
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US-कनाडा की जांच पर भारत की प्रतिक्रिया अलग क्यों?
भारतीय राजदूत ने इस बात को भी माना की कनाडा की तुलना में अमेरिका ने भारत के साथ जांच के लिए ज्यादा जानकारी शेयर की. इसी वजह से भारत जांच में सहयोग का रुख अपना रहा है. भारत सरकार अमेरिका के साथ कथित तौर पर विफल हत्या की कोशिश (गुरुपवंत सिंह पन्नू) की जांच में सहयोग कर रही है, न कि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में जून में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा की जांच में. क्यों कि दोनों देशों की जानकारी में काफी अंतर है. ये बात कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कनाडा के न्यूज चैनत से कही.
US ने कनाडा की तुलना में दी ठोस जानकारी
सीटीवी के प्रश्नकाल के होस्ट वस्सी कपेलोस से बात करते हुए, भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा की तुलना में भारत के साथ जांच के लिए ज्यादा ठोस जानकारी साझा की है. हालही में, यूके के फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिका ने उनकी धरती पर भारत के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित तौर पर हत्या करने की कोशिश को विफल कर दिया. मामले से परिचित लोगों के हवाले से फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका ने भारत को पन्नू को मारने की कथित साजिश के संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत कराया था.
इससे पहले सितंबर में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप लगाए थे. भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए “बेतुका” और राजनीति से प्रेरित बताया. कानाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा ने इसे “प्रेरित और बेतुका आरोप” बताते हुए कहा कि भारत “बिल्कुल” भी इस हत्याकांड में शामिल नहीं था. इन आरोपों की वजह से दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया.
इनपुट के आधार पर भारत कर रहा जांच में सहयोग
भारतीय राजदूत ने सीटीवी न्यूज़ से कहा कि उनको लगता है कि भारतीय अधिकारी अमेरिकी जांच में इसलिए सहयोग कर रहे हैं, क्योंकि उनको कानूनी रूप से प्रेजेंटेबल जानकारी दी गई है. संजय वर्मा ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि भारत-अमेरिका के संबंध इतने एडवांस स्टेड पर हैं कि भारत को बेहतर जानकारी ही दी गई होगी. संजय वर्मा ने कहा, “अमेरिका में गैंगस्टरों, ड्रग तस्करों, आतंकवादियों और बंदूक चलाने वालों के बीच सांठगांठ के इनपुट मिले हैं, ऐसा माना जा रहा है कि इसमें कुछ भारतीय कनेक्शन हैं, भारतीय कनेक्शन से मेरा मतलब भारत सरकार कनेक्शन से नहीं है, वहां 1.4 अरब लोग हैं. क्योंकि हमें इनपुट मिले हैं, जो कानूनी रूप से प्रस्तुत करने योग्य हैं.”
निज्जर की हत्या से संबंधित कनाडा के इनपुट के बारे संजय वर्मा ने कहा कि भारतीय अधिकारी इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाएंगे क्योंकि बातचीत में मामले के कुछ तथ्य हो सकते हैं.यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने निज्जर की हत्या से संबंधित आरोपों पर इनपुट साझा किए हैं, भारतीय राजदूत ने कहा, “जब तक यह मामले के लिए प्रासंगिक नहीं है, हम इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाएंगे. इस पर बहुत बातचीत हो सकती है.” बातचीत में आरोप और मामले के कुछ तथ्य हो सकते हैं, लेकिन आरोप और तथ्य इसे विशिष्ट और प्रासंगिक नहीं बनाते हैं.”
कनाडा की जांच पर भारतीय उच्चायुक्त का रिएक्शन
संजय वर्मा ने सीटीवी न्यूज से कहा कि इसलिए हमारे पास वह तथ्य होने चाहिए तो हम जांच के लिए तैयार हैं. अगर आप हालही की घटना को देखें, जहां एक न्यूज पेपर में भारत के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए हैं, तो अमेरिका ने भारत को इनपुट दिए हैं. इन पर पहले से ही अमल करना शुरू कर दिया है. भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भारत यात्रा के दौरान भारत और कनाडा के बीच बातचीत हुई. हालांकि, भारत को जांच करने के लिए कानूनी अधिकारियों से अनुमति लेने के लिए विशिष्ट जानकारी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब तक आरोपों को लेकर खास इनपुट नहीं होंगे, तब तक भारत के लिए जांच पर आगे बढ़ना संभव नहीं होगा.
अमेरिका द्वारा भारत संग शेयर किए गए इनपुट के बारे में डीटेल का खुलासा करते हुए संजय वर्मा ने कहा, ये इनपुट अमेरिका में गैंगस्टरों, ड्रग तस्करों, आतंकवादियों और बंदूक चलाने वालों के बीच सांठगांठ के बारे में हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इसमें कुछ भारतीय संबंध हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इसका मतलब भारत सरकार के कनेक्शन नहीं है.
22 नवंबर को, विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट शेयर किए हैं. इस तरह के मुद्दे पहले से ही चर्चा में हैं. संबंधित विभाग इसकी जांच कर रहे हैं.
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