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जम्मू-कश्मीर में एक और मुठभेड़, 'पाकिस्तानी घुसपैठिया' ढेर; एक सैनिक शहीद


नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर आज आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक सैनिक शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया. सेना ने एक बयान में कहा कि मुठभेड़ में एक “पाकिस्तानी घुसपैठिया” भी मारा गया.

“मछल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर खराब मौसम का फायदा उठाते हुए, दो से तीन सशस्त्र पाकिस्तानी घुसपैठियों के एक समूह ने नियंत्रण रेखा पार की और एक बोर्डर पर स्थित सेना चौकी पर नजदीक से गोलीबारी की. चौकस सैनिकों ने घुसपैठियों का जवाब बहुत ही सख्ती से दिया. इस गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद हो गया और एक घायल हो गया. वहीं एक सशस्त्र पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया.

यह हमला कारगिल विजय दिवस के एक दिन बाद हुआ है, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि भारतीय सेना हर आतंकी चुनौती को हरा देगी.

फिलहाल सेना इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं और मारे गए पाकिस्तानी नागरिक की पहचान का पता लगा रही है.

गोलीबारी में दो सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. सेना ने कहा कि एक सैनिक की चोटों के कारण मौत हो गई, जबकि दूसरे पर इलाज का अच्छा असर हो रहा है और उसकी हालत स्थिर है.

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देखा जाए तो इससे पहले भी पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा इस तरह के प्रयास किए गए थे. खराब मौसम का फायदा उठाकर भारत में कई बार प्रवेश करने की कोशिश की गई थी. लेकिन आज की तरह पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में आने के लिए सेना ने रोकने की कोशिश की.

सेना के सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि हमले में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) की मदद मिली थी, जो फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते से पहले ऐसे कई अभियानों में शामिल थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह एक आक्रामक कार्रवाई है और स्पष्ट रूप से एलओसी पर तनाव बढ़ा है.”
इस हफ्ते की शुरुआत में सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने एलओसी के इसी इलाके का दौरा किया था और घुसपैठ और आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए बलों की तैयारियों की समीक्षा की थी.

बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच पीएम मोदी ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के हालात का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की थी और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा संबंधी स्थिति और सशस्त्र बलों द्वारा किए जा रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की पूरी जानकारी दी गई थी.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई. प्रधान मंत्री ने अधिकारियों से सशस्त्र बलों की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूरा स्पेक्ट्रम तैनात करने को कहा है.

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