बांग्लादेश तख्तापलट: जानिए क्या हैं भारत की 5 बड़ी चिंताएं
2- बांग्लादेश में भारतीयों की सुरक्षा
बांग्लादेश में करीब 7 प्रतिशत भारतीय रह रहे हैं, मौजूदा हालात में उन नागरिकों की सुरक्षा भी भारत सरकार के लिए बड़ाी चुनौती और चिंता बनी हुई है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने और सीमित आवाजाही रखने की चेतावनी जारी की है. सूत्रों के मुताबिक अब तक नागरिकों को वहां से बाहर निकालने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हांलकि बांग्लादेशी सेना ने वहां हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच हिंदुओं के लिए एक नंबर जारी किया था, अगर उन पर कोई भी खतरा हो तो वह इस नंबर पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं. ऐसे में अगर चरमपंथी माहौल खराब करने की कोशि करेंगे, तो भी नागरिकों को वहां से निकालने की ज्यादा टेंशन सरकार के सामने होगी.
3- चीन-पाकिस्तान की तरफ झुकाव
शेख हसीना सरकार का झुकाव भारत की तरफ था, दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही दोस्ताना थे. लेकिन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का झुकाव किसकी तरफ होगा ये कोई नहीं जानता. लेकिन माना जा रहा है कि नई सरकार का झुकाव चीन की तरफ हो सकता है, जो भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है. क्यों कि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं. बांग्लादेश की नई सरकार तो सेना समर्थित होगी, जो जाहिर है कि शेख हसीना की रणनीति के उलट ही होगी. दरअसल चीन और पाकिस्तान की समर्थक मानी जाने वाली विपक्षी नेता खालिदा जीया की भी रिहाई होने जा रही है, ऐसे में इसका असर भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर भी देखा जा सकता है. रक्षा विषेशज्ञ मानते हैं कि बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल में सीधा हाथ पाकिस्तान का होने की संभावना है. सोमवार को जो भी हुआ, उसकी पूरी पटकथा पाकिस्तान से ही लिखी गई थी. ऐसे में भारत के लिए नई चिंता खड़ी हो गई है.
4- निर्यात पर असर
भारत बांग्लादेश में प्याज समेत खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं के साथ ही बिजली, कृषि और ओद्योगिक उपकरणों और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करता है. शेख हसीना की सरकार जाने के बाद अब यह निर्यात बाजार अनिश्चितता में घिर सकता है. बांग्लादेश भारत का 25वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. दोनों ही देशों के बीच करीब 12.9 अरब डॉलर का कारोबार होता है. वित्त वर्ष 2023-24 में बांग्लादेश 11 अरब डॉलर के साथ भारत का 8वां बड़ा निर्यातक साझेदार रहा है. हालांकि पिछले दो सालों में निर्यात में कमी देखी जा रही है. साल 2021-22 में निर्यात के मामले में बांग्लादेश भारत का चौथा बड़ा इंपोर्ट मार्केट था.
5- निवेश का क्या होगा?
बांग्लादेश में भारत ने बड़ा निवेश किया है. देश के मौजूदा हालात का असर वहां चल रही परियोजनाओं पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही है. जिसकी वजह से निवेशकों के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है. दरअसल अच्छे रिश्ते होने की वजह से पिछले कुछ सालों में कई बड़ी भारतीय कंपनियों ने बांग्लादेश में खूब निवेश किया है. भारतीय कंपनियों ने वहां पावर, टेक्सटाइल्स, फार्मासुटिकल्स जैसे सेक्टरों में निवेश किया है. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. ऐसे में निवेश की सुरक्षा को लेकर भी सवाल पैदा होने लगा है, जो भारत के सामने बड़ी चिंता का विषय है.